व्यापार
इंटरनेट के क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव, 90 करोड़ यूजर्स करेंगे इस्तेमाल
Kajal Dubey
3 Jun 2021 12:47 PM GMT
x
स्मार्टफोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है
स्मार्टफोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है. स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या में तेजी से वृद्धि होने के साथ ग्रामीण इलाकों में भी डिजिटल अडॉक्शन (इंटरनेट के इस्तेमाल) की प्रकिया में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसको लेकर एक रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें पता चला है कि चार साल बाद यानी 2025 तक कुल सक्रिय इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है. पिछले साल इनकी संख्या 62.2 करोड़ थी.
भारत के शहरी इलाको में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. साल 2020 में ये आंकड़ा 32.3 करोड़ यूजर्स (शहरी आबादी का 67 प्रतिशत) तक पहुंच गया. ग्रामीण इलाकों में डिजिटल अडॉप्शन की प्रक्रिया तेजी से जारी है. ये आंकड़े द इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) की ओर से जारी रिपोर्ट में सामने आए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल अभी भी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इंटरनेट तक पहुँचने के लिए पसंदीदा उपकरण बना हुआ है. सस्ते डेटा प्लान की उपलब्धता के साथ-साथ मोबाइल उपकरणों की सामर्थ को देखते हुए, मोबाइल डिवाइस के माध्यम से इंटरनेट तक पहुंच स्पष्ट रूप से पहली पसंद बन गई है. रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि भले ही शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में 2 गुना अधिक है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगकर्ता की संख्या साल-दर-साल तेजी से बढ़ रही है.
द इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी उपाध्यक्ष विश्वप्रिया भट्टाचार्जी ने कहा, 2025 तक, शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण भारत में इंटरनेट यूजर्स की अधिक संख्या होगी. इसे देखते हुए, इस उभरती जनसांख्यिकी की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने की आवश्यकता होगी. उन्होंने आगे कहा, अगले कुछ वर्षों में स्थानीय भाषा, आवाज और वीडियो डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गेम चेंजर के रूप में उभरेंगे.
निष्कर्षों से पता चलता है कि 10 सक्रिय इंटरनेट यूजर्स में से नौ हर दिन इंटरनेट का उपयोग करते हैं . औसतन वे प्रतिदिन लगभग 107 मिनट (1.8 घंटे) सक्रिय रूप से इंटरनेट पर बिताते हैं. हालांकि, ग्रामीण भारत की तुलना में शहरी भारत में दैनिक यूजर्स का अनुपात थोड़ा अधिक है. शहरी भारत में AIU (एक्टिव इंटरनेट यूजर) ग्रामीण भारत की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक समय व्यतीत कर रहा है.
छोटे शहरों में पांच सक्रिय इंटरनेट यूजर्स में से लगभग दो लोग हैं, जबकि शीर्ष 9 महानगरों में शहरी भारत में सक्रिय इंटरनेट यूजर्स का 33 प्रतिशत हिस्सा है.
रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि, ग्रामीण भारत में सक्रिय रूप से इंटरनेट का उपयोग नहीं करने वाली एक बड़ी आबादी है , लेकिन अगले कुछ वर्षों में इसमें विकास की बहुत बड़ी गुंजाइश है. दिलचस्प बात यह है कि ग्रामीण और शहरी भारत में पुरुष से महिला एआईयू का अनुपात लगभग समान है.
शहरी भारत में, पुरुष से महिला इंटरनेट यूजर्स का अनुपात लगभग 57:43 है जबकि ग्रामीण भारत में, पुरुष से महिला इंटरनेट यूजर्स के बीच का अनुपात 58:42 है. आईएएमएआई ने कहा कि भारत में इंटरनेट की बढ़ती पहुंच सभी हितधारकों को डिजिटल क्रांति का लाभ उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है.
Next Story