व्यापार

दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक दो-पहिया प्लांट बनाने की बात आई सामने, जिसमे 10 लाख वाहनों के उत्पादन की होगी क्षमता

Ritisha Jaiswal
10 Dec 2021 4:51 PM GMT
दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक दो-पहिया प्लांट बनाने की बात आई सामने, जिसमे 10 लाख वाहनों के उत्पादन की होगी क्षमता
x
बेंगलुरु आधारित इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्ट-अप सिंपल एनर्जी ने तमिलनाडु सरकार के साथ एक एमओयू यानी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन किया है.

बेंगलुरु आधारित इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्ट-अप सिंपल एनर्जी ने तमिलनाडु सरकार के साथ एक एमओयू यानी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन किया है. इस एमओयू के अंतर्गत धर्मापुरी में 2,500 करोड़ रुपये की लागत वाले दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक दो-पहिया प्लांट बनाने की बात सामने आई है. कंपनी के उत्पादन कार्य के पहले फेस में पहला प्लांट 2,00,000 स्क्वैर फीट में बनाया जाएगा जो होसूर के नजदीक स्थापित होगा और यहां सालाना 10 लाख वाहनों के उत्पादन की क्षमता होगी. 2022 के अंत तक सिंपल एनर्जी का पहला प्लांट काम करना शुरू कर देगा. कंपनी के बयान के अनुसार नए प्लांट में सिंपल वन इलेक्ट्रिक स्कूटर का निर्माण किया जाएगा.

दूसरी फैक्ट्री 2023 से काम करना शुरू कर देगी
तमिलनाडु सरकार के साथ एग्रीमेंट साइन करने के बाद सिंपल एनर्जी के फाउंडर और सीईओ सुहास राजकुमार ने कहा, "तमिलनाडु ने हमें इलेक्ट्रिक ईकोसिस्टम बनाने का विश्वास दिया है जहां बड़े लक्ष्यों को हासिल किया जाएगा. इस एमओयू के जरिए हम भारत में इलेक्ट्रिक दो-पहिया बाजार का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस काम से भारत को प्रदूषण मुक्त बनाने का काम तेजी से होगा. सिंपल एनर्जी भारत में इलेक्ट्रिक यातायात की परिभाष बदलकर रख देगी." इस एमओयू में कंपनी 600 एकड़ में बनने वाले दूसरे प्लांट पर 1,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी. ये दूसरी फैक्ट्री 2023 से काम करना शुरू कर देगी.
ईवी ईकोसिस्टम बनाना चाहती है कंपनी
सिंगल एनर्जी इस राज्य में ईवी ईकोसिस्टम बनाना चाहती है और कंपनी की दूसरी फैक्ट्री में भविष्य के लिए तैयार R&D सेंटर भी तैयार किया जाएगा. यहां वर्ल्ड-क्लास टेस्टिंग फैसिलिटी के साथ बिल्ड इन इंडिया पहल के तहत वेंडर पार्क भी बनाया जाएगा. इस उत्पादन प्लांट में ना सिर्फ भारत के लिए, बल्कि निर्यात के लिए इलेक्ट्रिक वाहन तैयार किए जाएंगे. कंपनी की मानें तो पुर्जो के आयात पर निर्भर ना होकर घरेलू पुर्जों का इस्तेमाल EV बनाने में किया जाने वाला है. 600 एकड़ में फैले इस प्लांट के बन जाने के बाद ये ओला इलेक्ट्रिक के उत्पादन प्लांट को पछाड़ दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन निर्माता प्लांट बन जाएगा.


Next Story