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24 नहीं 19 घंटों का दिन होता था पृथ्‍वी पर

Tara Tandi
16 Jun 2023 10:41 AM GMT
24 नहीं 19 घंटों का दिन होता था पृथ्‍वी पर
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एक दिन में कितने घंटे होते हैं? आप कहेंगे 24. जवाब बिल्कुल सही है, लेकिन धरती पर एक दिन 19 घंटे का हुआ करता था. उस अवधि को 'बोरिंग बिलियन' कहा जाता है। दो भूभौतिकीविदों ने अपने अध्ययन में पाया है कि टेक्टोनिक गतिविधि में कमी और गुरुत्वाकर्षण बल के नाजुक संतुलन के कारण पृथ्वी को रोटेशन में कमी का सामना करना पड़ा। यह अध्ययन नेचर जियोसाइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।अध्ययन के मुताबिक, जब पृथ्वी 'बोरिंग बिलियन' काल में थी, तब चंद्रमा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चंद्रमा की पृथ्वी से निकटता एक मजबूत गुरुत्वाकर्षण खिंचाव पैदा करती है, जिससे समय के साथ पृथ्वी की घूर्णी ऊर्जा को कम करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं चांद ने खुद को धरती से दूर कर लिया है।
अपने निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए, दोनों वैज्ञानिकों ने भूगर्भीय डेटा का विश्लेषण किया। यह डेटा हाल के वर्षों में एकत्र किया गया है, ताकि पृथ्वी को बेहतर तरीके से समझा जा सके। वैज्ञानिकों के मॉडल से पृथ्वी के स्नोबॉल चरण का भी पता चला है। ये वो दौर बताया जाता है जब हमारा ग्रह जम गया होगा। वैज्ञानिकों का मॉडल कहता है कि पृथ्वी का स्नोबॉल चरण 2 से 1 अरब साल पुराना था।
अध्ययन में कहा गया है कि उस जमाने में धरती पर ऑक्सीजन का स्तर बढ़ा। ओजोन परत का निर्माण हुआ। ओजोन परत के कारण होने वाली गतिविधियाँ पृथ्वी और चंद्रमा के मजबूत गुरुत्वाकर्षण खिंचाव को संतुलित करती हैं और पृथ्वी के घूर्णन को स्थिर करती हैं। शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि उस अवधि के दौरान प्रकाश संश्लेषक जीवाणुओं की गतिविधियों में वृद्धि हुई और पृथ्वी पर जीवन के फलने-फूलने के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण हुआ।
पहले चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हुआ करती थी, यह बात अन्य शोधों में भी सामने आई है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि 2.5 अरब साल पहले चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी 60 हजार किलोमीटर कम रही होगी। उनका मानना है कि जो दूरी आज 384,400 किलोमीटर है, वह ढाई अरब साल पहले 321,800 किलोमीटर थी और दिन की लंबाई 24 घंटे के बजाय 16.9 घंटे थी। शोधकर्ताओं का कहना है कि अरबों साल पहले चंद्रमा वास्तव में हमारे ग्रह के ज्यादा करीब था और अब यह धीरे-धीरे दूर जा रहा है।
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