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किसानों के लिए राहत की खबर, डीएपी, यूरिया और एसएसपी खाद का है पूरा स्टॉक
Gulabi Jagat
7 July 2022 8:15 AM GMT

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राहत की खबर
राजस्थान सरकार ने खरीफ सीजन में किसानों को मिलने वाले बीज एवं खाद (Fertilizer) की व्यवस्था ठीक रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. ताकि किसानों को इन दोनों कृषि इनपुट की दिक्कत न हो. एक समीक्षा बैठक में लालचंद कटारिया ने कहा कि अधिकारी यूरिया एवं डीएपी (Urea-DAP) का आवश्यक स्टॉक बनाए रखें. इसके बाद कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि राज्य में डीएपी, यूरिया एवं सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) फर्टिलाइजर का स्टॉक प्रचुर मात्रा में है. इसलिए किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि राज्य में 164.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के लक्ष्य के विपरित अब तक 66.05 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के खेतों में बिछाई जाने वाली पाईप लाईनों की क्वालिटी उच्च स्तर की होनी चाहिए. एक्सपर्ट की राय लेकर इन पाईपलाईनों को जमीन के भीतर डालने की अपेक्षा जमीन के ऊपर बिछाने की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे किसानों को पाईप में होने वाले लीकेज का जल्द पता चल जाएगा. उन्होंने खेतों में बनने वाले फार्म पौण्ड (Farm Pond) पर सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था करने को भी कहा. इसके लिए हर पौण्ड पर मजबूत रस्सी या चेन दो-तीन स्थानों पर लगाने को कहा. उन्होंने कहा कि राज्य के किसान जल संरक्षण को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं इसलिए वो फार्म पौण्ड में विशेष रुचि ले रहे हैं.
सूबे में बांटे गए 15 लाख बीज मिनीकिट
इस मौके पर कृषि आयुक्त कानाराम ने खरीफ पूर्व तैयारी की स्थिति की जानकारी दी. कहा कि सरकार ने इस वर्ष लगभग 25 लाख किसानों को निशुल्क बीज देने का लक्ष्य रखा है, जिसमें अब तक 15 लाख मिनिकिट्स वितरित किए जा चुके हैं. किसानों को बाजरा, मक्का , मूंग, उड़द और सोयाबीन के बीज (Soybean Seed) दिए जा रहे हैं. इससे उन्हें राहत मिलेगी.
15000 हेक्टेयर में लगाया जाएगा फलों का बगीचा
उधर, बागवानी विभाग के आयुक्त चेतन देवड़ा ने बताया कि 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलों के बगीचे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2022-23 में 7500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलों के बगीचे लगाए जाएंगे. लिए वित्त विभाग से मंजूरी मिल गई है. इसी तरह वर्ष 2022-23 में 1500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मसाला बगीचा लगाने का टारगेट रखा गया है. जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
किसानों के खेत में दी जाए ट्रेनिंग
उधर, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने निर्देश दिए कि जैविक खेती (Organic farming) के क्रियान्वयन और प्रचार-प्रसार में अधिक से अधिक प्रगतिशील और युवा किसानों को शामिल किया जाए. इससे उनको कृषि ज्ञान तो मिलेगा ही साथ ही वे अपना व्यवहारिक ज्ञान भी अधिकारियों के साथ साझा कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ट्रेनिंग कार्यक्रम किसानों के खेतों में ही हो तो इसका ज्यादा लाभ मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में हो रहे कृषि के अच्छे कामों के अध्ययन के लिए कृषि अधिकारियों को वहां भेजा जाएगा.

Gulabi Jagat
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