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16 जुलाई तक है मौका, SBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के बताए 6 बड़े फायदे
Shiddhant Shriwas
14 July 2021 7:34 AM GMT
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Sovereign Gold Bond scheme: अपने ग्राहकों को इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम के फायदे के बारे में बताने के लिए SBI ने ट्वीट किया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond scheme) 16 जुलाई 2021 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, इस सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2021-22 – सीरीज IV की कीमत 4,807 रुपए प्रति ग्राम है. भारत सरकार (GoI) के परामर्श से रिजर्व बैंक ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट देगा. RBI के अनुसार, ऐसे निवेशकों के लिए निर्गम मूल्य 4,757 रुपए प्रति ग्राम सोना होगा.
हालांकि, भारत सरकार द्वारा समर्थित गोल्ड इन्वेस्टमेंट स्कीम में सोने में निवेश करने वालों की रुचि बढ़ाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने छह सुनहरे कारणों को सूचीबद्ध किया है जो एक निवेशक के लिए इस योजना में निवेश करने के लिए पर्याप्त हैं.
एसबीआई अपने ग्राहकों को इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम के फायदे के बारे में बताने के लिए SBI ने ट्वीट किया है. SBI ने ट्वीट में कहा, सोने में निवेश करने की योजना बना रहे हैं? सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के 6 सुनहरे कारण यहां दिए गए हैं. एसबीआई ग्राहक इन बॉन्ड में ई-सर्विस के तहत http://onlinesbi.com पर निवेश कर सकते हैं.
Planning to invest in Gold?
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) July 12, 2021
Here are 6 golden reasons to invest in Sovereign Gold Bonds.
SBI customers can invest in these bonds on https://t.co/YMhpMw26SR under e-services.
Know more: https://t.co/H4BpchStDa#Gold #GoldBond #SGBWithSBI #SovereignGoldBonds pic.twitter.com/j2lqqSelBE
आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 सीरीज चार में निवेश क्यों करना चाहिए, इस पर एसबीआई ने 6 सुनहरे कारणों को सूचीबद्ध किया है.
>> एश्योर्ड रिटर्न नेचर- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी की सालाना दर से ब्याज मिलेगा. यह ब्याज छमाही आधार पर मिलेगा.
>> कैपिटल गेन टैक्स से छूट: रिडम्पशन पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा.
>> लोन सुविधा: लोन के लिए कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
>> स्टोरेज की कोई समस्या नहीं: सुरक्षित, फिजिकल गोल्ड की तरह स्टोरेज की कोई परेशानी नहीं है.
>> लिक्विडिटी: एक्सचेंजों पर ट्रेड कर सकते हैं.
>> जीएसटी, मेकिंग चार्जेज से मुक्ति: फिजिकल गोल्ड के विपरीत कोई जीएसटी और मेकिंग चार्ज नहीं लगता है.
एसबीआई यह बताने की कोशिश कर रहा है कि केवल रिटर्न पर नजर रखते हुए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश नहीं करना चाहिए. भारत सरकार समर्थित इस गोल्ड इन्वेस्टमेंट स्कीम में निवेश करते समय अन्य बचतों पर ध्यान देना चाहिए.
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