जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तुअर (Yellow Pigeon peas )उत्पादन को खरीफ सीजन की आखिरी फसल के रूप में जाना जाता है.इस साल खरीफ पर कुदरत की मार पड़ी है और रब्बी के मौसम में भी यह सिलसिला जारी हैं.हालांकि किसानों(Farmers) को तुअर के उत्पादन बढ़ने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार में अरहर की दाल आते ही दाल मिल मालिकों (pulse mill owners)और स्टॉकिस्टों की मांग तेज़ी से शुरू हो गई है.इसिलए किसान अब अनुमान लगा रहे हैं उन्हें अच्छे दाम(Rate) मिलेंगे.अभी उत्पादन में गिरावट के बावजूद किसानों को अब बढ़ी हुई दरों पर लाभ मिलने की उम्मीद हैं पिछले हफ्ते से जहां तुअर की आवक बढ़ी है, वहीं कीमतों में सुधार से किसानों का उत्साह भी बढ़ा है.किसानों को उम्मीद हैं कि सीजन के आखिरी चरण में खरीफ सोयाबीन,कपास और अब तुअर के दाम बढ़ने से उत्पादन में गिरावट कम होगी.