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प्याज़ के कीमतों में आई भारी गिरावट, जानें रेट

Bhumika Sahu
16 March 2022 7:06 AM GMT
प्याज़ के कीमतों में आई भारी गिरावट, जानें रेट
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Onion Price: सोलापुर कृषि उपज मंडी समिति में कुछ महीने पहले तक प्याज 3,500 रुपये प्रति क्विंटल तक थी, लेकिन अब घटकर औसतन सिर्फ 500 से 1200 रुपये पर आ गई है. जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. लेकिन उन्हें उम्मीद है कि फिर से अच्छा दाम मिलने का दौर आएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले दो महीने से सोलापुर कृषि उपज मंडी समिति में प्याज के रेट (Onion Price)में उतार-चढ़ाव जारी है. कभी कम आवक के बाद रेट में वृद्धि हुई तो कभी आवक ज्यादा हुई तो रेट घट गया. आवक बढ़ने के बाद प्रशासन को दो महीने में तीन बार मंडी को बंद करना पड़ा. लेकिन अब जैसे ही लाल प्याज और गर्मियों का प्याज बाजार में आना शुरू हुआ वैसे ही तस्वीर बदलने लगी. दाम एक दम से नीचे आ गया. जो प्याज़ की कीमत 3,500 रुपये प्रति क्विंटल थी वह अब घटकर औसतन 500 से 1200 रुपये तक पर आ गई है. किसानों(Farmer) का कहना है कि 15 से 18 रुपये किलो तो लागत आ रही है, क्या वो घाटे में बेचें. इससे अच्छा ये है कि सरकार लागत के हिसाब से मुनाफा तय करके न्यूनतम दाम फिक्स कर दे, वरना इस तरह के दाम पर प्याज की खेती कौन करेगा?

किसानों का कहना है कि बढ़ती आवक के कारण प्याज के दाम 1000 से 1200 रुपये क्विंटल पर स्थिर हो गए हैं. इस साल ग्रीष्मकालीन प्याज की रिकॉर्ड बुवाई की गई थी. ऐसे में पैदावार भी अच्छी होने की उम्मीद है. रबी सीजन का प्याज मंडी और मार्केट में आना शुरू हो गया है. किसानों ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में दरें और बढ़ेंगी, तो वहीं कारोबारियों का कहना है कि इस समय अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज की कीमत 1,600 रुपये तक हो सकती है. पिछले सप्ताह बेमौसम बारिश(Unseasonal rain) के कारण प्याज की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. उनकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है.
कितनी आवक और कितना दाम
कृषि उपज बाजार समिति, लासलगांव में 15 मार्च को लाल कांदा की आवक 12810 क्विंटल की थी. इसका न्यूनतम दाम 500 रुपये, मॉडल प्राइस 960 एवं अधिकतम रेट 1300 रुपये क्विंटल रहा. विंचूर मार्केट में लाल प्याज का दाम न्यूनतम दाम 400, मॉडल प्राइस 1000 एवं अधिकतम रेट 1500 रुपये प्रति क्विंटल का रहा. नासिक में तो न्यूनतम दाम सिर्फ 300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. मॉडल प्राइस 700 एवं अधिकतम दाम 1040 रुपये रहा. नासिक में ही सबसे ज्यादा प्याज पैदा होता है. महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि हम लंबे समय से मांग कर रहे हैं सरकार प्याज को भी एमएसपी के दायरे में शामिल कर ले. लेकिन कोई सुनवाई नहीं है.
किसानों ने अच्छे रेट मिलने की जताई उम्मीद
वर्तमान में किसान रबी सीजन का प्याज खेतों से निकाल रहे हैं. महाराष्ट्र देश का करीब 40 फीसदी प्याज अकेले पैदा करता है. महाराष्ट्र के स्थानीय प्याज पैदावार में 65 फीसदी योगदान रबी सीजन के प्याज का होता है. इसी प्याज को लोग अगले पांच-छह महीने के लिए स्टोर करते हैं. अच्छे रेट मिलने की उम्मीद में किसान दिन-रात प्याज की कटाई, छंटाई करवा रहे हैं. किसान अच्छे दाम पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन दाम तो व्यापारी तय करते हैं. सोलापुर कृषि उपज मंडी समिति से प्याज की आवक 300 से 400 ट्रक हो रही है. जबकि पहले खराब मौसम की वजह से आवक कम हो गई थी.


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