ग्रेट वॉल मोटर (GWM) चीन की सबसे बड़ी SUV निर्माता कंपनी ने 2020 ऑटो एक्सपो में भारत में अपनी सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार को दिखाया था। इस ईवी की शुरूआत से कंपनी भारत में अपना विस्तार करने की योजना बना रही थी। कंपनी ने अपने सफर की शुरुआत प्रीमियम मिड-साइज एसयूवी Haval F7 से की थी। उस समय कोविड -19 महामारी और सीमाओं पर भारत और चीन के संबंधों ने GWM के भारत में प्रवेश पर ब्रेक लगा दिया था। हालांकि, ढाई साल बाद भी एफडीआई क्लीयरेंस (FDI clearance) न मिलने के बाद कंपनी ने इस योजना से अपने कदम पीछे कर लिए हैं।
GWM को भारत में अपना कारोबार बंद करने के फैसले के साथ 7,895 करोड़ रुपये की निर्माण परियोजना भी यहां से जाती है, जिसे पुणे के तलेगांव में जनरल मोटर्स प्लांट में स्थापित करने और हजारों नौकरियों की योजना शामिल थी। आइये जानते हैं इसकी मुख्य वजहों के बारे में।
गलवन घाटी झड़प
जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद से, भारत ने चीनी निवेश की भारी छानबीन की है और सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए हजारों चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
FDI नियमों में संशोधन:
भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों द्वारा किए गए प्रस्तावों की स्क्रीनिंग बढ़ाने के लिए एफडीआई नियमों में संशोधन के बाद से भारत में अरबों डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्ताव लंबित हैं। GWM एक ऐसी परियोजना थी जिसे पिछले दो वर्षों से स्वीकृतियां लंबित थीं।
भारत में सीबीयू की बिक्री पर असहमति:
भारत सरकार ने Haval H6 क्रॉसओवर को CBU के जरिए भारतीय बाजार में प्रवेश करने पर असहमति जताई थी। चीनी प्रोडक्ट्स का वैसे भी भारतीय बाजार उतना सकारात्मक छवि नहीं है। हालांकि, चीनी प्रोडक्ट सस्ते तो होते हैं, लेकिन जल्दी खराब होने के लिए अधिक बदनाम हैं।