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टेक्नोलॉजी की वो दुनिया जिसकी भारत में है सबसे ज्यादा जरूरत, बचा चुकी है कोरोना से जुड़े हजारों लोगों की जान

Apurva Srivastav
15 May 2021 8:03 AM GMT
टेक्नोलॉजी की वो दुनिया जिसकी भारत में है सबसे ज्यादा जरूरत, बचा चुकी है कोरोना से जुड़े हजारों लोगों की जान
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कोरोना महामारी के इस दौर में सबसे जरूरी है कि हम COVID-19 मरीजों के एक्सपोजर से बचें और उनके कॉन्टैक्ट में कम आएं

कोरोना महामारी के इस दौर में सबसे जरूरी है कि हम COVID-19 मरीजों के एक्सपोजर से बचें और उनके कॉन्टैक्ट में कम आएं. इसके लिए एपल और गूगल ने मिलकर एक ऐसी टेक्नोलॉजी को डेवलप किया है जिससे आसानी से कॉन्टैक्ट ट्रेस करने के साथ-साथ यूजर्स को COVID-19 एक्सपोजर को लेकर अलर्ट किया जा सकता है. इस एक्सपोजर नोटिफिकेशन सिस्टम API को इन दोनों टेक जायंट ने जून 2020 में डेवलप किया इस ऐप ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में बेहतरीन काम किया है.

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग टेक्नोलॉजी ने यूनाइटेड किंगडम में 4,200 से लेकर 8,700 यूजर्स तक की जान बचाई है. दुख की बात यह है कि भारत के पास इस तरह का ऐप नहीं है जैसे फीचर्स UK के ऐप में दिए गए हैं.
रिसर्चर्स द्वारा किए गए शोध के मुताबिक COVID ट्रेसिंग टेक्नोलॉजी NHS ऐप के साथ कम्पैटिबल है और UK में हजारों लोगों की जान बचा चुकी है. रिपोर्ट के मुताबिक यह 4,200 से लेकर 8,700 यूजर्स की जान बचा चुकी है. इस शोध में रिसर्चर्स ने कहा कि, "हमारे विश्लेषण से पता चला है कि एनएचएस ऐप के माध्यम से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग द्वारा बड़ी संख्या में COVID​​-19 मामलों को लगभग 100,000 से 900,000 तक के डिटेल के आधार पर टाल दिया गया था."
2020 में लॉन्च की गई थी यह टेक्नोलॉजी
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग टेक्नोलॉजी को जून 2020 में गूगल और एपल द्वारा लॉन्च किया गया था जिससे हेल्थ अथॉरिटीज उन लोगों से कॉन्टैक्ट कर उन्हें गाइड कर सकें जो COVID-19 से पीड़ित लोगों से एक्सपोज्ड हुए हैं. यह एक्सपोजर नोटिफिकेशन कैसे काम करता है इसको लेकर गूगल ने अपने ब्लॉगपोस्ट में भी एक्सप्लेन किया है. इसमें लिखा है कि, " इन्फेक्शन को फैलने से रोकने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के पारंपरिक तरीके महत्वपूर्ण हैं. टेक्नोलॉजी हेल्थ वर्कर्स को यह सपोर्ट दे सकती है जिससे वे आसानी से COVID-19 के संपर्क में आने वाले यूजर्स की जानकारी जानकारी दे सकते हैं. यह आपके स्मोर्टफोन पर एक्सपोजर नोटिफिकेशन से शूरू होता है.अगर आप COVID-19 से एक्सपोज हो गए हैं तो यह हेल्थ कर्मचारियों को आपसे संपर्क करने में मदद करेगा.
Android और iPhone दोनों में है यह फीचर
एक्सपोजर नोटिफिकेशन फीचर एंड्रॉयड और iPhone दोनों में सेटिंग्स मेन्यू में मौजूद है. हालांकि जब आप इसे इंडिया में ऑन करते हैं तो इस पर नोटिफिकेशन आता है कि यह फीचर आपके एरिया में उपलब्ध नहीं है क्योंकि हेल्थ अथॉरिटीज ने इसे उपलब्ध नहीं करवाया है. भारत में हमारे पास आरोग्य सेतु ऐप है जो कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप है लेकिन अभी इसका इस्तेमाल वैक्सीनेशन स्लॉट बुक करने के लिए किया जा रहा है.
आरोग्य सेतु ऐप में गूगल-एपल का एपीआई नहीं है और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए कॉम्पिटेबल नहीं है. यही कारण है कि भारत में यूजर्स इसे अपने फोन में ऑन नहीं कर सकते हैं. गूगल और एपल की इस सर्विस के लिए सरकार को कुछ नियमों को मानना होगा जो कि प्राइवेसी से जुड़े हैं.
ब्लूटूथ के जरिए COVID-19 मरीजों का लगता है पता
यह टेक्नोलॉजी ब्लूटूथ का इस्तेमाल करती है और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम करती है वहीं आरोग्य सेतु ऐप लोकेशन जैसी चीजों का इस्तेमाल करता है. गूगल और एपल डेटा कलेक्ट करने के खिलाफ है और इसलिए यह API अनॉनिमस डेटा कलेक्ट करता है और रैंडम ID क्रिएट करता है जिसे कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग के बारे में पता लगाने के लिे इस्तेमाल किया जाता है.


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