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एयरलाइंस कंपनी स्पाइसजेट की मुश्किलें नहीं हो रही कम, 180 करोड़ रुपये के बकाये से जुड़ा है यह मामला

jantaserishta.com
25 Jan 2022 10:28 AM GMT
एयरलाइंस कंपनी स्पाइसजेट की मुश्किलें नहीं हो रही कम, 180 करोड़ रुपये के बकाये से जुड़ा है यह मामला
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28 जनवरी को होगी मामले की सुनवाई।

नई दिल्ली: बजट एयरलाइन कंपनी SpiceJet एयरलाइंस भुगतान विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. एयरलाइन ने कंपनी बंद करने के मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया. रोहतगी ने कहा है कि अगर इस मामले को तत्काल नहीं सुना गया तो कंपनी को बंद करने का प्रोसेस शुरू हो जाएगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह पूरा मामला है जिसको लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने एयरलाइन को बंद करने की बात कही है.

Credit Suisse AG ने आरोप लगाया है कि Spicejet कंपनी के कर्जे चुकाने में असमर्थ है. दोनों कंपनियों के बीच एक दशक से चला आ रहा यह विवाद करीब 180 करोड़ के बकाये से संबंधित है. वहीं, एयरलाइन ने एयरक्राफ्ट के मेंटेनेंस, रिपेयर और अन्य सर्विसेज के लिए स्विटजरलैंड की SR Technics के साथ एक करार किया था. इन दोनों पक्षों ने 2021 में एक सप्लीमेंट एग्रीमेंट किया था, जिसके अनुसार उन्हें SR Technics के बिल का भुगतान करना था. SR Technics ने बिल, एक्सचेंज के सात कॉरेस्पॉन्डिंग बिल और डेट का Acknowledgement रेज किया था. इस मुद्दे पर बाद में हाई कोर्ट में गतिरोध देखने को मिला.
मद्रास हाईकोर्ट के एकल जज की पीठ ने क्रेडिट सुइस एजी (Credit Suisse AG), स्विट्जरलैंड स्थित स्टॉक कॉरपोरेशन और एक लेनदार द्वारा दायर एक कंपनी याचिका पर फैसला सुनाते हुए 7 दिसंबर, 2021 को स्पाइसजेट लिमिटेड को बंद करने का आदेश दिया था. हालांकि इस आदेश को फिर दो हफ्ते के लिए टाल दिया गया था. इसके बाद स्पाइसजेट ने डिवीजन बेंच में अपील की जिसमें 11 जनवरी को स्पाइसजेट की अपील खारिज करते हुए आदेश पर अमल को 28 जनवरी तक के लिए टाल दिया.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमणा ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 28 जनवरी को होगी. एयरलाइन के भविष्य के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी अहम होगा.
चालू वित्त वर्ष के दूसरे क्वार्टर में गुड़गांव बेस्ड SpiceJet का घाटा बढ़कर 561 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पिछले एक साल में कंपनी के स्टॉक में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है.
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