India-China सीमा पर सड़क बनाने की रणनीति के तीसरे चरण की शुरुआत
Business बिजनेस: भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलने वाले ड्रैगन के सीने में अब आग जलने लगी है. मोदी सरकार एक ऐसी योजना लेकर आई है जिसका मुकाबला चीन भी नहीं कर पा रहा है. इसके लिए सरकार चीन के द्वार तक सड़क बना रही है, ताकि दोबारा हमारी सीमा पर दखल की किसी भी कोशिश को नाकाम किया जा सके. इस योजना के तहत सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम के साथ मिलकर भारत-चीन सीमा पर On the border सड़कें बनाने की रणनीति के तीसरे चरण की शुरुआत की है। हमें साल 2020 की घटना तो याद ही होगी, जब चीन ने लद्दाख की गलवान घाटी तक पहुंचते हुए भारतीय सीमा पर दखल दिया था और दोनों देशों की सीमाओं के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद से ही मोदी सरकार ने भारतीय सीमा को मजबूत बनाने के लिए लगातार सड़क निर्माण की योजना पर काम करना शुरू कर दिया. इसके तहत भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) सीमा पर चौड़ी सड़कों का निर्माण शुरू किया गया। भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश से लेकर सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है। सरकार ने इस पूरी सीमा पर हाईवे बनाने का बड़ा कदम उठाया. तीसरे चरण का उद्देश्य क्या है?
निर्माण कार्य