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शेयर बाजार ने बनाया नया रिकॉर्ड, जाने किन फैक्टर्स का दिखेगा असर
Shantanu Roy
18 July 2021 5:34 AM GMT
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बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 753 अंक या 1.43 फीसदी के लाभ में रहा. इस सप्ताह वैश्विक बाजारों में सुस्ती तथा FIIs की बिकवाली से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वृहद आर्थिक संकेतकों के अभाव में इस सप्ताह कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक बाजारों में उत्साह के अभाव से यहां उतार-चढ़ाव रह सकता है. बुधवार को 'बकरीद' के मौके पर शेयर बाजार बंद रहेंगे.
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, ''यह कम कारोबारी सत्रों वाला सप्ताह है. वैश्विक घटनाक्रम तथा तिमाही नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे. इसके अलावा कोविड-19 से जुड़े घटनाक्रम तथा मानसून की प्रगति से भी बाजार का रुख तय होगा. सप्ताह के दौरान कई बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम आने हैं.''मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह रिलायंस, एसीसी, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, बजाज ऑटो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक सीमेंट, अंबुजा सीमेंट तथा जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम आएंगे.
मानसून और तिमाही नतीजों से तय होगी बाजार की चाल
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ''हमारे विचार में मानसून की प्रगति, पहली तिमाही के नतीजे, कोविड-19 संक्रमण की दर निकट भविष्य में शेयर बाजारों की दिशा तय करेगी.'' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''हम तिमाही नतीजों के सीजन में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में बाजार की दिशा तिमाही नतीजों तथा कंपनियों के प्रबंधन की टिप्पणियों पर निर्भर करेगी. सप्ताह के दौरान क्षेत्र विशेष आधारित गतिविधियां देखने को मिलेंगी. हालांकि, वैश्विक बाजारों में सुस्ती तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है.''
सेंसेक्स में 1.43 फीसदी की रही तेजी
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 753 अंक या 1.43 फीसदी के लाभ में रहा. सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंने और क्रमश: 1.4 फीसदी और 1.5 फीसदी की बढ़त में रहे. विश्लेषकों ने कहा कि इसके साथ ही बाजार भागीदारों की निगाह डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश के रुख पर रहेगी.
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