व्यापार

टैक्स को लेकर 1 जुलाई से बदल रहे नियम, अब कंपनी से मिलने वाले इंसेंटिव पर भी देना होगा टैक्स

Renuka Sahu
4 Jun 2022 2:51 AM GMT
The rules regarding tax are changing from July 1, now tax will also have to be paid on the incentives received from the company
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फाइल फोटो 

कंपनियां अपने डीलरों को प्रोडक्ट की बिक्री पर कई तरह की सुविधाएं और शानदार गिफ्ट्स देती हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कंपनियां अपने डीलरों को प्रोडक्ट की बिक्री (Sale of Product) पर कई तरह की सुविधाएं और शानदार गिफ्ट्स देती हैं. अगर डीलर, कंपनी के प्रोडक्ट की बिक्री का टारगेट पूरा कर ले या टारगेट से ज्यादा प्रोडक्ट बेच दे तो कंपनियां ऐसे डीलरों को कार, गोल्ड चेन और यहां तक की फॉरेन ट्रिप तक गिफ्ट करती हैं. कंपनियां ऐसा इसलिए करती हैं, ताकि डीलर भी उसके प्रोडक्ट की ज्यादा से ज्यादा सेल करने में अपना पूरा दम लगा दे. इसी तरह दवा कंपनियां (Pharmaceutical Companies) भी दवाओं के प्रमोशन और उनकी बिक्री बढ़ाने के लिए डॉक्टरों को अक्सर बड़े-बड़े गिफ्ट देती हैं.

गिफ्ट पाने वाले लोगों को देना होगा ब्योरा
कंपनियां इस खर्च को सेल्स प्रमोशन में दिखाकर इनकम टैक्स का टैक्स बेनिफिट ले लेती हैं. इधर, डीलर इन गिफ्ट को न तो अपनी इनकम में दिखाता है और न ही इसका जिक्र अपने रिटर्न में करता है. लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा. टैक्स डिडक्शन एट सोर्स यानी टीडीएस के नए नियमों के तहत अब गिफ्ट पाने वाले को इसे अपनी इनकम में दिखाना होगा.
1 जुलाई से लागू हो जाएगा नया नियम
ये नियम 1 जुलाई से लागू होने जा रहा है. हालांकि 20 हजार रुपये तक के गिफ्ट इस नियम में नहीं आएंगे. इनकम टैक्स लॉ में टीडीएस के प्रोविजन्स को बढ़ाते हुए सेक्शन 194 R को इसमें जोड़ा गया है. इसके मुताबिक, कंपनियां अब डीलर को जो इनसेंटिव देंगी, उसमें से 10 प्रतिशत टीडीएस काट लेंगी. इसके बाद कंपनी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के टीडीएस रिटर्न में इसे मेंशन करेंगी और काटे गए अमाउंट को जमा भी करेंगी. टीडीएस रिटर्न फाइल होने से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इसका पता चल जाएगा कि डीलर को कितना इंसेंटिव दिया गया है.
नियम के आने से इंसेंटिव देने वाली कंपनी की तय होगी जिम्मेदारी
इधर, डीलर के इनकम टैक्स पोर्टल में 26AS में ये अपने आप दिखने लगेगा. टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि इस नियम के आने से इंसेंटिव देने वाली कंपनी की जिम्मेदारी तय हो गई है कि अगर वो अपने किसी डीलर को 20 हजार रुपये से ज्यादा का इंसेंटिव देती है तो उन्हें उस पर टीडीएस भी काटना होगा. जिससे इंसेंटिव पाने वाले डीलर की जानकारी सरकार तक पहुंच जाएगी.
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