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GST में इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की राह हुई और कठिन

Nilmani Pal
25 Dec 2021 11:10 AM GMT
GST में इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की राह हुई और कठिन
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दिल्ली। नोटिफिकेशन नंबर 39/2021 सेन्ट्रल टैक्स दिनांक 21.12.2021 के द्वारा जी.एस.टी. कानून से सबंधित फाइनेस एक्ट 2021 के विभिन्न धारा एवं नियम को अधिसूचित किया गया है जो कि व्यापारी वर्ग के अनुपालन बोझ को बढ़ाते हुये उन्हे अपने व्यापार मे और सजग रहने के लिए निर्देशित करता हैं महत्वपूर्ण एंव दैन्य दैनिक कानूनी मे परिवर्तन निम्न है जो कि 01.01.2022 से प्रभावशाली होगें।

01. व्यापार की आत्मा इन्पूट टैक्स क्रेडिट है और जी.एस.टी.कानूनी में इसे प्राप्त करने की शर्ते धारा 16 मे उल्लेखित है इन शर्तो को और कडा करते हुये इसमे एक और शर्त 16 ;ंद्ध ;ंद्ध को जोड दिया गया है ''जिसके तहत अब क्रेता को उसके विक्रेता द्वारा उसके जी.एस.टी.आर. 1 मे दर्शाये गये बिलों, जो कि क्रेता के जी.एस.टी.आर. 2 बी मे प्रदर्शित होगा का ही इनपुट टैक्स प्राप्त हो सकेगा'' विक्रेता को क्रेता को इसकी सूचना भी देनी होगी।

02. अब जी.एस.टी. में स्व निर्धारण कर का मतलब जी.एस.टी.आर. 1 में घोषित किये गये विक्रय से उत्पन्न कर दायित्व से होगा। अगर जी.एस.टी.आर 1 (रिर्टन जिसमें कर दायित्व घोषित किया जाता है) और जी.एस.टी.आर 3 बी (जहां कर दायित्व का भुगतान किया जाता है।) में अगर कर दायित्व में टर्न ओवर के आधार पर अंतर आता है तो उस स्थिति में जी.एस.टी.आर 1 का कर दायित्व मान्य होगा और अंतर की स्थिति में व्यापारी को बिना कारण नोटिस जारी करते हुये धारा 71 के तहत वसूली कार्यवाही की जा सकेगी। उक्त स्पष्टीकरण को धारा 75 मे समहित कर अधिसूचित कर दिया गया है।

03. राजस्व के हित के बचाव के लिए प्रोविजनल अटैचमेंट की धारा 83 के दायरे को बढ़ाते हुये अब इसे और विस्तारित कर दिया गया है। अब जी.एस.टी के अध्याय 12 (कर निर्धारण की पूरी धारा) अध्याय 14 (जांच, छापा, जब्ती, गिरफ्तारी की पूरी धारा) एवं अध्याय 15 (डिमांड एंव वसूली की पूरी धारा) को नया जोड़ते हुये इसमे शामिल कर दिया गया है फलस्वरूप अगर कमिश्नर को यह अंदेशा रहेगा कि राजस्व हित की हानि हो सकती है तो वह संबंधित कर दाता की कोई भी संपत्ति, बैंक एकाउंट का प्रोविजनल अटैचमेंट का लिखित आदेश कर सकेगा। इसमे वह व्यक्ति कि संपत्ति को भी प्रोविजनल अटैचमेंट करने का अधिकार होगा जो कि फर्जी इनपुट क्रेडिट लेने/देने मे शामिल है।

04. अपील की धारा 107(6) में संशोधन को अधिसूचित करते हुये परिवहन के दौरान माल अथवा वाहन की जब्ती की दशा में उक्त आदेश के विरूद्व अपील किये जाने कि दशा पर पेनलाटी का 25 प्रतिशत जमा करना अनिवार्य होगा तभी अपील स्वीकार होगी।

05. धारा 129 क्योंकि परिवहन के दौरान माल/वाहन जब्ती एवं निमुकर््त करने से संबंधित है में संशोधन को अधिसूचित करते हुये नये शास्ति राशि को प्रवाधानित किया गया है नयी शास्ति प्रावधान निम्न है:-

1) अगर वस्तुओं का मालिक जब्ती की कार्यवाही के दौरान सामने आता है तो उक्त स्थिति में माल के कर दायित्व का 200 प्रतिशत शास्ति ली जायेगी।

(2) अगर माल का मालिक जब्ती कार्यवाही के दौरान सामने नहीं आता है तो माल के मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा माल के कर दायित्व का 200 प्रतिशत जो भी अधिक हो शास्ति ली जायेगी।

धारा - 129 (3) जो कि जब्ती अधिकारी के दायित्व से संबंधित है को नया स्वरूप दिया गया है। अब अधिकारी परिवहन के दौरान माल/वाहन जब्त करने की दशा में जब्ती के 7 दिन के अंदर नोटिस संबंधित व्यक्ति को जारी अनिवार्य रूप से करेगा जिसमे उसे अधिरोपित शास्ति राशि का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। संबंधित व्यक्ति के नोटिस प्राप्त होने के 7 दिन पश्चात अधिकारी को शास्ति जमा करनंे संबंधित आदेश जारी करना होगा।

धारा - 129(6) में संशोधन अधिसूचित किया गया है कि अगर संबंधित व्यक्ति जिसे शास्ति जमा करने संबंधित आदेश प्राप्त हो गया है और वह आदेश प्राप्त होने के 15 दिन पश्चात शास्ति जमा नहीं करता तो अधिकारी को यह अधिकार होगा कि माल का विक्रय/निलामी कर शास्ति की राशि वसूल लें। किन्ही परिस्थितियों मे 15 दिन के समय को कम भी किया जा सकता है जब माल की प्राकृति 15 दिनों तक संग्रहित करने की न हो।

अगर जब्ती के दौरान परिवहन का मालिक अपना परिवहन मुक्त करना चाहता है तो निर्धारित शास्ति की राशि अथवा 1,00,000/- रूपये जो भी कम हो का नगद भुगतान कर उसे छुडवा सकता है।

महत्वपूर्ण परिवर्तन अब परिवहन के दौरान जब्ती की कार्यवाही से संबंधित देय राशि का नगद भुगतान ही होगा बाण्ड अथवा सिक्यूरिटी स्वीकार नहीं की जायेगी।

06. धारा 151 152 को संशोधित करते हुये अधिसूचित किया गया है कमिश्नर एवं उनके द्वारा प्राधिकृति अधिकारी '' किसी भी व्यक्ति से अर्थात जो जी.एस.टी. मंे पंजीकृत नहीं है तो उससे भी जी.एस.टी. से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेगा तथा उक्त जानकारी जी.एस.टी संबधी कार्यवाही के दौरान उपयोेग कर सकेगा। बर्र्शेते की उस व्यक्ति को उक्त जानकारी के उपयोग किये जाने संबंधी सूचना और अपना पक्ष रखने का मौका अधिकारी द्वारा दिया जायेगा।

07. एक अन्य नोटिफिकेशन 38/2021 दिनांक 21.12.2021 के तहत अब आधार नंबर जीएस.टी रिफण्ड एवं रजिस्ट्रेशन रद्द को बहाल करवाने एंव सत्यापन करवाने हेतु आवश्यक होगा अन्यथा वह आवेदन मान्य नहीं होगें।

जी.एस.टी. से अन्य नियम, कानून मे बदलाव जो 1 जनवरी से प्रभावी होगें।

01. लगतार 2 महिने तक जीएसटी आर 3 बी नहीं भरने की दशा मे व्यापारी अपना जीएसटीआर 1 नहीं भर पायेगा न ही ई.वे.बिल जनरेट कर पायेगा।

02. ई-कामर्स ऑपरेटर जो कि फुड सप्लाई क्षेत्र मे सेवा प्रदान करते है का अब अपने ग्राहको से स्वयं कर वसूल कर जमा करने का दायित्व बाध्यकारी होगा। रेस्टोरेंट व्यवसायी उक्त सप्लाई पर अब कर वसूल नहीं कर सकेगें।

03. फुट वियर एवं टैक्स टाइल उद्योग को अब इनवरटेड ड्यूटी स्टैक्चर के आधार पर रिफण्ड का दावा नहीं कर सकेगें क्योकि उनके कच्चे माल की दर को 1 जनवरी से 12 प्रतिशत की श्रेणी मे कर दिया गया है इससे 1000 के कम के कपडे एंव जूते महंगे हो जायेगें।

Nilmani Pal

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