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कुछ ही दिन पहले की बात है जब केला की खेती (Banana Farming) करने वाले किसान कम दाम की वजह से परेशान थे. इसके दाम को लेकर व्यापारियों और किसानों के बीच एक मंडी में कहासुनी तक हुई थी. इसके बावजूद व्यापारियों ने किसानों से मनमाने दाम पर इसकी खरीद की. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. अब वही व्यापारी केले खरीदने के लिए किसानों के बागों के पास लाइन लगा के खड़े हैं. जलगांव मेंकेला खरीदने के लिए ट्रांसपोर्ट पर 400 से 500 ट्रक खड़े हैं. बढ़ती मांग और घटते उत्पादन ने इस स्थिति को जन्म दिया है. इस साल राज्य में न केवल जलगांव में बल्कि अन्य जगहों पर भी केले का उत्पादन प्रभावित हुआ हैं. इसलिए इस समय केले का भाव (Banana Price) 24 से 26 रुपये प्रति किलो तक चल रहा है. रिकॉर्ड रेट मिलने के बावजूद किसानों को कोई खास लाभ नहीं हो रहा. क्योंकि उत्पादन कम हो गया है.
जलगांव जिले के रवेल तालुका में केले की सबसे अधिक खेती की जाती है. यहां भुसावल सबसे बड़ा मार्केट है. यहां से देश के कई हिस्सों में केले की आपूर्ति होती है. इस साल क्षेत्र में उत्पादन में भी गिरावट आई है. प्रकृति की अनियमितताओं का उत्पादन पर सीधा प्रभाव पड़ा है. इसके अलावा, केले की लगातार मांग बढ़ रही है, केला खरीदने के लिए ट्रक हरियाणा, मध्य प्रदेश और कश्मीर से आए हैं, लेकिन उत्पादन कम होने के कारण उन्हें 15 दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. व्यापारी ऊंचे भाव पर केला खरीदने को तैयार हैं, लेकिन उत्पादन कम होने से किसान और व्यापारी भी मायूस हैं. करीब दो सप्ताह से ट्रक एक जगह खड़ा होने से यहां के मजदूरों के लिए भी समस्या आ खड़ी हुई है.
प्रकृति की मार का असर
पिछले साल के घाटे का असर अब उत्पादन और फसलों पर महसूस किया जा रहा है. बेमौसम बारिश और बादल छाए रहने के कारण केले बागों पर कीटों के अटैक बढ़ा. फिर आंधी और बारिश के कारण महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर केले की खेती को नुकसान पहुंचा. जलगांव की तरह ही उत्तर भारत में भी उत्पादन इसी तरह प्रभावित हुआ है. अब बढ़ती मांग की वजह से केले का दाम अच्छा मिल रहा है लेकिन उत्पादन कम हुआ है इसलिए किसानों को खास फायदा नहीं पहुंच रहा.
केला उत्पादन के लिए मशहूर है जलगांव
जलगांव पूरे देश में केला उत्पादन का गढ़ है. यहां का भुसावल इसके लिए मशहूर है. साथ में ही मध्य प्रदेश का बुरहानपुर एरिया भी है. यहां भी केले का उत्पादन अच्छा खासा होता है. फिलहाल, जलगांव में पैदा होने वाले केले को साल 2016 में जीआई सर्टिफिकेशन मिल चुका है. भारत दुनिया के कुल केला उत्पादन में लगभग 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है तो इसके पीछे महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का अहम योगदान है.
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