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मुंबई। नीतिगत ब्याज दर को यथावत रखने के रिजर्व बैंक के फैसले के बीच बृहस्पतिवार को वाहन, बैंक और सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में मुनाफावसूली से स्थानीय शेयर बाजारों में चार कारोबारी दिन से जारी तेजी थम गई और दोनों प्रमुख सूचकांक करीब आधा प्रतिशत गिर गए। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स कारोबार में अधिकांश समय तक सकारात्मक रहा लेकिन अंतिम घंटे में मुनाफावसूली का जोर रहने से 294.32 अंक यानी 0.47 प्रतिशत गिरकर 62,848.64 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स में 353.23 अंक तक की गिरावट आ गई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 91.85 अंक यानी 0.49 प्रतिशत के नुकसान के साथ 18,634.55 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से कोटक महिंद्रा बैंक को सर्वाधिक 2.68 प्रतिशत की गिरावट का सामना करना पड़ा। टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, नेस्ले और टाइटन के शेयरों में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ एनटीपीसी, पावर ग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, एचडीएफसी, रिलायंस और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 0.87 प्रतिशत गिर गया, जबकि स्मॉलकैप में 0.47 प्रतिशत का नुकसान दर्ज हुआ। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार ने मौद्रिक नीति को लेकर अधिक उम्मीदें लगाई हुई थीं लेकिन ऐसा नहीं होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति अनुमान में सिर्फ 0.10 प्रतिशत की ही कटौती करना यह दर्शाता है कि रिजर्व बैंक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और अल नीनो की वजह से मानसून पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर आशंकित बना हुआ है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया है। हालांकि, मुद्रास्फीति अब भी रिजर्व बैंक के लिए चिंता का सबब बना हुई है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, रेपो दर को स्थिर रखने की घोषणा होने के बाद भारतीय बाजारों में मुनाफावसूली का जोर रहा। खासतौर पर रेपो दर संबंधी निर्णय से प्रभावित होने वाले शेयरों में बिकवाली तेज रहने से सूचकांक नीचे आ गए। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धीरज रेली ने कहा, रेपो दर को स्थिर रखने का फैसला बाजार की उम्मीदों के अनुरूप ही रहा। आर्थिक वृद्धि के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहने और मुद्रास्फीति के मोर्चे पर आई नरमी से मौद्रिक नीति समिति के पास इसकी गुंजाइश बनी हुई थी।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहा जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट एवं हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। एक दिन पहले बुधवार को अमेरिकी बाजारों में काफी हद तक गिरावट रही थी। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.31 प्रतिशत गिरकर 76.71 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में खरीदारी जारी रखी है। एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने बुधवार को 1,382.57 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की।
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