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बंद हो सकती है इस कंपनी के विनिवेश की प्रक्रिया

Apurva Srivastav
21 Jun 2023 4:34 PM GMT
बंद हो सकती है इस कंपनी के विनिवेश की प्रक्रिया
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एविएशन सेक्‍टर की हेलीकॉप्‍टर सेवा प्रदाता कंपनी पवनहंस का विनिवेश एक बार फिर नहीं हो पाया. एक बार फिर विनिवेश की प्रक्रिया के असफल होने के बाद अब सरकार इसे लेकर सख्‍त कदम उठाने पर विचार कर रही है. सरकार इस कंपनी की विनिवेश प्रक्रिया को बंद करने के लिए कदम उठा सकती है.
जीओएम में आ सकती है इसकी फाइल
दरअसल सरकार 2016 के बाद से चौथी बार ऐसा होने जा रहा है जब सरकार ने इसके विनिवेश का प्रयास किया है. लेकिन इस बार भी सरकार ऐसा कर नहीं पाई. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अक्टूबर 2016 में पवन हंस के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दे दी थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नई सार्वजनिक क्षेत्र की उद्यम नीति के अनुसार, केंद्र कंपनी को बंद करने पर भी विचार कर सकता है, अगर इसका विनिवेश करने का प्रयास विफल हो जाता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता पवन हंस में 51 प्रतिशत बहुमत हिस्सेदारी बेचने की प्रस्तावित योजना को रद्द करने का फैसला भी ले सकती है. मीडिया रिपोर्ट ये भी कहती है कि इसकी बिक्री पर विचार कर रहा अंतर-मंत्रालयी समूह जल्द ही बिक्री प्रक्रिया को रद्द भी कर सकता है. रिपोर्ट ये भी कहती है कि प्रक्रिया को बंद करने की फाइल इस सप्ताह समूह के अनुमोदन के लिए रखी जाएगी, उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बावजूद, बोली लगाने वाले के खिलाफ आरोपों के मामले सामने आने के बाद प्रक्रिया की पारदर्शिता बाधित हो गई है. पवन हंस की बिक्री पर वित्त मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री का एक समूह विचार कर रहा है.
खरीदने वाली कंपनी पर क्‍या लगे थे आरोप
अल्मास ग्लोबल ऑपर्च्युनिटी फंड के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम स्टार 9 मोबिलिटी ने घाटे में चल रही हेलीकॉप्टर फर्म में सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 211 करोड़ रुपये से अधिक की बोली लगाकर बोली जीत ली थी. राज्य द्वारा संचालित ONGC की फर्म में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ONGC के पास इस बेड़े में 41 हेलीकॉप्टरों का बेड़ा है. हाल ही में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता पीठ ने अल्मास ग्लोबल के खिलाफ कोलकाता स्थित बिजली प्रणाली समाधान कंपनी ईएमसी लिमिटेड का अधिग्रहण करने के लिए अपनी जीत की बोली को हासिल कर पाने में विफल रहने के लिए एक आदेश पारित किया. इसके बाद, केंद्र को बिक्री प्रक्रिया को रोकना पड़ा और इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में स्टार9 मोबिलिटी को कारण बताओ नोटिस भी जारी करना पड़ा.
विनिवेश प्रक्रिया बंद करने पर भी हो सकता है फैसला
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अक्टूबर 2016 में पवन हंस के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी. 2016 के बाद यह चौथी बार था जब सरकार ने पवन हंस को बेचने की कोशिश की है. नई सार्वजनिक क्षेत्र की उद्यम नीति के अनुसार, केंद्र कंपनी को बंद करने पर भी विचार कर सकता है, अगर इसका विनिवेश करने का प्रयास विफल हो जाता है. सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के बाद यह दूसरी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है जिसका विनिवेश कानूनी मुद्दों के कारण अटका हुआ है.
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