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इन दो कंपनियों के बीच खत्म हुई Partnership, अब आपस में नहीं शेयर करेंगे engine और Platform

Gulabi
29 March 2021 9:28 AM GMT
इन दो कंपनियों के बीच खत्म हुई Partnership, अब आपस में नहीं शेयर करेंगे engine और Platform
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अमेरिकी कार निर्माता कम्पनी ने पिछले साल एक जॉइंट वेंचर की घोषणा की थी

अमेरिकी कार निर्माता फोर्ड मोटर और भारतीय कार निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पिछले साल एक जॉइंट वेंचर की घोषणा की थी जहां महिंद्रा को भारत में फोर्ड के ऑपरेशन का अधिग्रहण करना था जबकि अमेरिकी ब्रांड को महिंद्रा को कई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने में मदद करनी थी. हालांकि, 2020 के अंत तक, दोनों वाहन निर्माताओं ने कई कारणों से जॉइंट वेंचर को समाप्त करने का फैसला किया है.

इस साल की शुरुआत में, फोर्ड इंडिया ने अपनी सभी योजनाओं को महिंद्रा के साथ रखने का फैसला किया जब तक कि उसने भारत के लिए एक नई रणनीति तैयार नहीं की. लेकिन अब, हालिया मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी वाहन निर्माता ने महिंद्रा के साथ सभी साझेदारी को समाप्त करने का फैसला किया है.
अक्टूबर 2019 में, फोर्ड और महिंद्रा ने कहा था कि वे उभरते बाजारों में वाहनों के विकास और उत्पादन की लागत में कटौती करने के लिए भारत में एक जॉइंच वेंचर बनाएंगे. कंपनियों ने उस दौरान या बातें कहीं थी जब उन्हें उम्मीद थी कि वो तीन नई यूटिलिटी व्हीकल्स को लॉन्च करेंगी जिसमें मिड साइज SUV भी शामिल था. साथ में दोनों मिलकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स भी लॉन्च करने वाले थे.
फोर्ड महिंद्रा के साथ साझेदारी करके भारत में तीन नई एसयूवी पर काम कर रही थी. इनमें से एक कॉम्पैक्ट SUV थी जिसे मूल रूप से अगले साल भारत में लॉन्च किया जाना था. Mahindra द्वारा निर्मित, इस Ford C-SUV को नए XUV500 के प्लेटफॉर्म पर बनाया जाना था. लेकिन ऐसा लगता है कि फोर्ड अब इस उत्पाद को अकेले भारत में ही विकसित करना चाहती है. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कंपनी को चीन में बेची जाने वाली अपनी Ford Territory SUV की तर्ज पर बनाया जा सकता है.
दोनों कंपनियों के जॉइंट वेंचर के अनुसार, आगामी फोर्ड एसयूवी में से दो महिंद्रा इंजन का उपयोग करने वाली थीं. कंपनी ने इस योजना को भी रद्द कर दिया है और अमेरिकी ब्रांड इन वाहनों के लिए अपने इंजन का उपयोग करने जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिंद्रा को अपने XUV 300 को EcoSport में 1.2-लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन देना था. लेकिन अब, फोर्ड ईकोस्पोर्ट को अपने मौजूदा 1.5-लीटर पावरट्रेन का उपयोग जारी रखने की उम्मीद है.
बता दें कि, भारतीय बाजार में फोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, जिसके कारण कंपनी के सीईओ, जिम फ़र्ले ने प्राथमिकता पर अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत करने पर अधिक ध्यान दिया है.
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