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आरबीआई की ओर से जारी नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, पीएनबी की याचिका पर केंद्र समेत इनसे मांगा जवाब
Bhumika Sahu
4 July 2021 3:55 AM GMT
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पीएबी की ओर से आरटीआई अधिनियम के तहत डिफॉल्टरों की सूची और इसकी निरीक्षण रिपोर्ट जैसी जानकारी का खुलासा करने के लिए आरबीआई की ओर से जारी नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के नोटिस पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक को आरटीआई अधिनियम के तहत डिफॉल्टरों की सूची और इसकी निरीक्षण रिपोर्ट जैसी जानकारी का खुलासा करने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं कोर्ट ने केंद्र, फेडरल बैंक और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी से जवाब मांगा है. शीर्ष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की तरह एचडीएफसी बैंक की ओर से दायर याचिका को अलग कर दिया है.
न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा, "जारी नोटिस, 2019 की रिट याचिका (सिविल) को (एचडीएफसी याचिका) के साथ टैग करें और इसकी सुनवाई के लिए 19 जुलाई तय की जाए.
मालूम हो कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की धारा 11(1) के तहत आरबीआई ने नोटिसों में बैंकों से अपनी निरीक्षण रिपोर्ट और जोखिम आकलन से जुड़ी सूचना साझा करने को कहा गया था. इससे बैंक नाखुश थे. आरबीआई के इस नोटिस को चुनौती देने के लिए पंजाब नेशनल बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
PNB ने आरबीआई की ओर से मांगे गए कर्ज नहीं चुकाने वाले लोगों की सूची और उसकी निरीक्षण रिपोर्ट जैसी सूचना को मुहैया कराने के निर्देश पर अंतरिम रोक लगाने की अपील की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी.बता दें कि आरटीआई अधिनियम आरबीआई के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) को सूचना चाहने वालों के लिए बैंकों से जानकारी मांगने का अधिकार देता है.
केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित कई एफआई और बैंकों ने जयंतीलाल एन मिस्त्री मामले में 2015 के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे और इसके अलावा वे इससे काफी हद तक प्रभावित थे.
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