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पिछले एक दशक में तस्करी से सरकारी खजाने को होने वाला नुकसान 163 प्रतिशत बढ़ा

Rani Sahu
5 Aug 2023 1:11 PM GMT
पिछले एक दशक में तस्करी से सरकारी खजाने को होने वाला नुकसान 163 प्रतिशत बढ़ा
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नई दिल्ली (आईएएनएस)। पिछले एक दशक में 2010 से 2020 तक तस्करी से केंद्र सरकार को होने वाला नुकसान चिंताजनक रूप से 163 प्रतिशत बढ़ गया है। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। 'अवैध बाजार' शीर्षक से जारी 2022 फिक्की कैस्केड अध्ययन के अनुसार, केंद्र सरकार को तस्करी के कारण भारी कर हानि का सामना करना पड़ता है। वर्ष 2010 से 2020 तक इसमें 163 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई है। पांच महत्वपूर्ण उद्योगों पर तस्‍करी का वित्तीय प्रभाव 22,230 करोड़ रुपये से बढकर 58,521 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इनमें मादक पेय, मोबाइल फोन, एफएमसीजी-घरेलू और व्यक्तिगत सामान, एफएमसीजी-पैक खाद्य पदार्थ और तंबाकू उत्पाद शामिल हैं।
इस बीच, अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाली तस्करी और जालसाजी के खिलाफ फिक्की समिति (कैस्केड) ने शनिवार को #बीअकैस्‍केडर अभियान शुरू करके अवैध व्यापार के खिलाफ अपना मुहिम तेज कर दिया है।
अभियान के हिस्से के रूप में लोगों से जुड़ने और अवैध व्यापार के हानिकारक परिणामों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक ऑटो रैली का आयोजन किया गया। तानसेन मार्ग पर फिक्की हाउस से 250 से अधिक ऑटो रिक्शा एक निर्धारित मार्ग से गुजरे।
ऑटो रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए फिक्की यंग लीडर्स फोरम, यूपी चैप्टर के अध्यक्ष नीरज सिंह ने कहा ''तस्करी और जालसाजी न केवल आर्थिक प्रगति में बाधा डालती है, बल्कि हमारे युवाओं के भविष्य को भी खतरे में डालती है। पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और अंततः दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हमें एकजुट होना होगा और इस महत्वपूर्ण मुद्दे के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी होगी। मैं इस अभियान को शुरू करने के लिए फिक्की कैस्केड के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं और अपने सभी ऑटो चालक भाइयों को दिल से धन्यवाद देता हूं जो इस उद्देश्य का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं।''
फिक्की कैस्केड के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने कहा, “अवैध व्यापार व्यक्तिगत उद्योगों को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाता है और रोजगार सृजन तथा आर्थिक विकास पर काफी नकारात्मक प्रभाव डालता है। अवैध व्यापार भी सरकार के लिए दोहरी चुनौती है। इससे न केवल वैध कर राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि यह प्रवर्तन और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के लिए संसाधनों के अतिरिक्त आवंटन की भी मांग करता है।''
उन्होंने आगे कहा कि अब तस्करी और जालसाजी के खिलाफ अभियान तेज करने और उनके हानिकारक परिणामों को उजागर करने की सख्त जरूरत है। ऑटो रैली भारतीय नागरिकों को सक्रिय रूप से शामिल करने और उन्हें अवैध व्यापार से जुड़े बहुमुखी मुद्दों और चुनौतियों से अवगत कराने का अवसर प्रदान करती है।
ऑटो रैली तानसेन मार्ग, मंडी हाउस, बाराखंभा रोड, आउटर सर्कल कनॉट प्लेस, जनपथ, टॉल्स्टॉय मार्ग और बाराखंभा रोड से होते हुए वापस फिक्की हाउस में समाप्त हुई। ऑटो रिक्शा के काफिले में बैनर थे, जो अवैध व्यापार से जुड़े जरूरी मुद्दों पर स्पष्ट रूप से प्रकाश डाल रहे थे।
रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2020 के दशक के दौरान अवैध शराब उद्योग से सरकार को होने वाले कर घाटे में 508 प्रतिशत से अधिक की भारी वृद्धि देखी गई, जबकि एफएमसीजी पैकेज्ड फूड उद्योग से कर घाटे में 201 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई और तम्बाकू उद्योग से नुकसान 113 प्रतिशत आंका गया था।
अवैध व्यापार समस्या की गंभीरता को रेखांकित करते हुए, पांच उद्योगों को होने वाली बिक्री हानि में 340 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई और यह 59,046 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020 में 2,60,094 करोड़ रुपये हो गई। विशेष रूप से एफएमसीजी पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में लगभग 600 प्रतिशत की चिंताजनक वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप 1,42,284 करोड़ रुपये का भारी वास्तविक नुकसान हुआ।
इसी तरह, एफएमसीजी व्यक्तिगत सामान उद्योग को 2020 में 55,530 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ, जो कि साल 2010 में 15,035 करोड़ रुपये था। सरकार और प्रभावित उद्योगों दोनों के लिए यह अत्यधिक नुकसान अवैध व्यापार से निपटने और भारत के आर्थिक हितों की रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
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