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सरकार ने लिया फैसला ,दाल और गेहूं की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों , जल्द मिलेगा राहत

Tara Tandi
21 July 2023 6:55 AM GMT
सरकार ने लिया फैसला ,दाल और गेहूं की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों , जल्द मिलेगा राहत
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चावल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने आदेश जारी कर दिया है. इस फैसले के बाद अब सरकार गेहूं और दालों की कीमत पर काबू पाने के लिए कई अहम कदम उठा सकती है.
सरकार ये कदम उठा सकती है
मनीकंट्रोल पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक सरकार गेहूं और दालों की कीमतों पर काबू पाने के लिए कई फैसले ले सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में दाल और गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सरकार इन महत्वपूर्ण चीजों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ नीतिगत उपायों पर विचार कर सकती है। इसमें दालों और गेहूं की कुछ किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध, मांग आपूर्ति को देखते हुए और आयात और सीमा शुल्क में बदलाव जैसे कदम शामिल हैं। सरकार पहले ही कीमतों में बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठा चुकी हैगौरतलब है कि सरकार ने मई 2022 से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार वित्त वर्ष 2023 में उड़द और तुअर पर सीमा शुल्क 10 फीसदी की जगह 0 फीसदी रख सकती है- 24.
सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
इससे पहले 20 जुलाई को सरकार ने चावल पर बड़ा फैसला लेते हुए इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी. मानसून में देरी के कारण धान की फसल को हुए नुकसान के बाद केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस साल धान की फसल में गिरावट दर्ज की जा सकती है. ऐसे में भारतीय बाजार में चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ी
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में दालों के रेट को नियंत्रित करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीपीएस) योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 40 फीसदी दालों की खरीद सीमा को हटा दिया गया है. . इसमें अरहर, उड़द और मूंग दाल शामिल है. गौरतलब है कि पिछले एक साल में तुअर की कीमतों में 32 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं, पिछले एक साल में गेहूं की कीमत में 5.79 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले साल गेहूं 27.80 रुपये प्रति किलो था, जो अब बढ़कर 29.41 रुपये प्रति किलो हो गया है.ऐसे में गेहूं के निर्यात को कम करने के लिए सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया था. देश में गेहूं, चावल और दालों के अलावा दूध और सब्जियों की महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में मई के मुकाबले जून 2023 में खाद्य महंगाई दर 2.96 फीसदी से बढ़कर 4.49 फीसदी हो गई है.
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