
दुनिया के लगभग हर राष्ट्र में आयकर को लेकर एक कानून बना हुआ है. हिंदुस्तान भी उनमें से एक है. राष्ट्र में आयकर को लेकर बनाए गए कानून की नींव अंग्रेजों के जमाने में पड़ी थी, जब उनके पास धन की कमी हो गई थी. गवर्नमेंट आम आदमी के इनकम से टैक्स केवल इस वजह से वसूलती है ताकि समाज का विकास संभव हो. इण्डिया में आयकर का मुख्यालय नयी दिल्ली में है, जो वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के अनुसार कार्य करता है, और इसका नेतृत्व केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) नामक एक टॉप निकाय करता है. आज का दिन ना केवल हिंदुस्तान गवर्नमेंट के आयकर डिपार्टमेंट के लिए खास है बल्कि आम आदमी के लिए भी स्पेशल है, क्योंकि राष्ट्र के लिए आयकर के महत्व को खुलासा करने के लिए राष्ट्रीय आयकर दिवस मनाया जाता है ताकि आम जनता समय पर टैक्स पे कर देश निर्माण अपनी भागिदारी सुनिश्चित कर सके.
163 वर्ष पुरानी है कहानी
वो नियम जिसने हिंदुस्तान गवर्नमेंट की तिजोरी को भरने की आरंभ की. आज उसकी बरसी है. आज से ठीक 163 वर्ष पहले सर जेम्स विल्सन ने 24 जुलाई 1860 को हिंदुस्तान में आयकर(Income Tax) लागू किया. यह योजना 1857 के उपद्रव के दौरान ब्रिटिश शासन को हुए हानि की भरपाई के लिए प्रारम्भ की गई थी. जो 1922 में टैक्स कलेक्शन के सामंजस्य के लिए एक आधिकारिक संरचना या विभाग की स्थापना से पहले सालों तक चली थी. इसके अतिरिक्त 1922 के इनकम टैक्स अधिनियम ने कई इनकम टैक्स प्रशासनों के लिए एक अलग नामकरण पेश किया.
बाद में अधिनियम में 1939 में संशोधन किया गया और दो प्रमुख संरचनात्मक संशोधन किये गये. अपीलीय कार्यों को प्रशासनिक कार्यों से अलग कर दिया गया और साथ ही मुंबई (तब बॉम्बे) में एक केंद्रीय चार्ज पेश किया गया. 2010 में वित्त मंत्रालय ने इस लेवी की स्थापना के उपलक्ष्य में 24 जुलाई को इनकम टैक्स दिवस के रूप में घोषित किया. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने साल 2010 में मनाए जाने वाले समारोहों के बारे में जानकारी देते हुए बोला कि वैसे इनकम टैक्स पहली बार साल 1860 में एक शुल्क के रूप में लगाया गया था और उस शुल्क को लगाने का अधिकार उसी साल 24 जुलाई को लागू हुआ था, इसलिए इस दिन को आयकर फाइलिंग डे के रूप में मनाने का प्रस्ताव लाया गया.
कितनी है अभी गवर्नमेंट की आयकर से कमाई?
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पिछले वित्त वर्ष(2022-23) की रिपोर्ट पर नजर डाले तो पता चलता है कि टोटल टैक्स कलेक्शन 16.61 लाख करोड़ रुपये हुआ था, जो उसके पिछले वित्त वर्ष(2021-222) 14.12 लाख करोड़ रुपये थी. यानि उसे पर्सेंटेज में देखें तो एक वर्ष में टैक्स कलेक्शन में कुल 17.63% की वृद्धि आई है. इसे यदि हम वित्त साल 2023-24 के जून तिमाही तक के कलेक्शन से कंपेयर कर देखें तो पता चलता है कि वित्तीय साल 2023-24 के प्रत्यक्ष टैक्स कलेक्शन के 3.79 लाख करोड़ रुपये रही है जो पिछले वित्तीय साल यानि वित्त साल 2022-23 की इसी अवधि में 3,41,568 करोड़ रुपये थी. यह 11.18% की वृद्धि दर्शाता है.
