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देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा- ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहेगा लेकिन रोजगार के मोर्चे पर समस्या

Teja
11 Jan 2022 12:12 PM GMT
देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा- ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहेगा लेकिन रोजगार के मोर्चे पर समस्या
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देश के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद विरमानी का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में देश का ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना है. विरमानी ने उद्योग निकाय पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकारी खर्च और निर्यात काफी अधिक हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण निजी खपत में सुधार नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, ''मौजूदा वित्त वर्ष की वृद्धि दर अधिक और 9.5 फीसदी के करीब होगी. इस दशक (वित्त वर्ष 2020-21 से 2029-30 तक) की औसत वृद्धि 7.5 फीसदी रहेगी, जिसमें ऊपर-नीचे आधा फीसदी का अंतर आ सकता है.''

हाल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा ऋणात्मक 7.3 फीसदी था. जानेमाने अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि अब सकारात्मक है, लेकिन रोजगार में वृद्धि पिछड़ रही है.
MSME का बड़ा महत्व है
उन्होंने समावेशी विकास के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक एमएसएमई को कॉरपोरेट क्षेत्र के साथ प्रतिस्पर्धा करने का पूरा मौका मिलना चाहिए. विरमानी ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने आर्थिक सुधार को प्रभावित किया और कर सुधारों को आगे बढ़ाया.
NSO का अनुमान 9.2 फीसदी ग्रोथ का
इधर NSO की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 में 9.2 फीसदी रहने का अनुमान है. कोरोना वायरस संकट के बीच जारी इस आधिकारिक अनुमान के साथ भारत ने दुनिया की तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल कर लिया है. हालांकि यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के 9.5 फीसदी वृद्धि की संभावना से थोड़ा कम है. वहीं पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट रही थी.
इन्होंने भी ग्रोथ का अनुमान घटाया है
सिटीग्रुप इंक, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च प्राइवेट और ICICI बैंक लिमिटेड शामिल हैं, ने अपने जीडीपी अनुमान को घटा दिया है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक डेटा के मुताबिक, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के मार्च तक जारी वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, केंद्रीय बैंक द्वारा पहले उम्मीद की जा रही 9.5 फीसदी के मुकाबले कम है.


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