मोबाइल मार्केट की दुनिया में Google और Apple दो दिग्गज मोबाइल ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर कंपनियां का कब्जा है। साधारण शब्दों में कहें, तो दुनिया कोई भी स्मार्टफोन खरीदें, तो उसमें गूगल का एंड्राइड या फिर Apple का iOS बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम मौजूद रहेगा। यही वजह है कि दोनों कंपनियां अपने हिसाब से ऑपरेटिंग सिस्टम के नियम और कायदे तय करती हैं। ऐसे में सरकार स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम ईकोसिस्टम बनाना चाहती है। जिससे यूजर्स को शानदार ऑपरेटिंग सिस्टम बेस्ड मोबाइल हैंडसेट का एक्सपीरिएंस मिल सक
दुनिया में एंड्राइड और iOS स्मार्टफोन मौजूद
गूगल की तरफ एंड्राइड बेस्ड स्मार्टफोन के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया है। मौजूदा वक्त में गूगल का एंड्राइड 11 और एंड्राइड 12 ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल में हैं. जबकि Apple की तरफ से iOS सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं दोनों कपनियों के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल दुनियाभर के मोबाइल में किया जाता है। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ गूगल और ऐपल के दबदबे को कम करने की कोशिश की जा रही है।
सरकार लाएगी पॉलिसी
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक केंद्र सरकार एक नई पॉलिसी पेश करने जा रही है। जो भारत में स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए इंडस्ट्री ईकोसिस्टम तैयार करेगी। जो गूगल और ऐपल के दबदबे को कम करने का काम करेगा। सरकार की मानें, तो मोबाइल ऑपरेटिंग सिसटम मार्केट में दो टेक कंपनियां मौजूद हैं। इसके अलावा कोई तीसरी ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर वाली कंपनी है। साथ ही इस दिशा में काफी निवेश की संभावनाएं है। ऐसे में इस दिशा में एक अन्य ऑप्शन उपलब्ध कराना चाहती है। इसके लिए केंद्र सरकार और MeitY की तरफ से नया हैंडसेट ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया जा रहा है, जो पूरी तरह से स्वदेशी होगा। चंद्रशेखर ने कहा कि इसे लेकर केंद्र सरकार स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए एक पॉलिसी लेकर आ रही है। इसके लिए सरकार स्टार्टअप और एकैडमिक ईकोसिस्टम को विकसित करेगी। केंद्र सरकार की मानें, तो कंप्यूटर और मोबाइल ऑपरेटिंग मार्केट में सरकार इंडियन ब्रांड को को खड़ा करना चाहती है।