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Byju’s, एक वक्त पर देश का सबसे जाना-माना यूनिकॉर्न स्टार्टअप हुआ करता था लेकिन इस वक्त इस स्टार्टअप के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं और हर पल एक नई मुसीबत कंपनी के सामने आकर खड़ी हो जा रही है. हाल ही में पता चला है कि कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने Byju’s की जांच करने के आदेश दिए हैं.
Byju’s पर बैठेगी जांच?
सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत की कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने एड-टेक क्षेत्र के स्टार्टअप Byju’s की जांच के आदेश दिए थे. माना जा रहा है कि कॉर्पोरेट मिनिस्ट्री को Byju’s की गवर्नेंस में विभिन्न प्रकार की खामियां दिखी थीं और इसके बाद ही जांच बैठाने का फैसला लिया गया था. Byju’s के प्रवक्ता ने मीडिया द्वारा किए जा रहे इन सभी दावों को झूठा बताते हुए इन्हें नकार दिया है.
Byju’s पर छाए मुसीबतों के बादल
Byju’s के प्रवक्ता ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि हमें कॉर्पोरेट मिनिस्ट्री से इस विषय में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है और हमें किसी प्रकार की जांच के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस विषय पर वित्त मंत्रालय ने मीडिया को किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं दी है. मीडिया द्वारा किए जा रहे ये दावे एक ऐसे वक्त पर सामने आए हैं जब एक दिन पहले ही Byju’s के ऑडिटर और तीन डायरेक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया है.
Deloitte ने दिया इस्तीफा
Byju’s के ऑडिटर का नाम Deloitte है और हाल ही में Deloitte ने कंपनी के ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया है. Deloitte ने कंपनी के बोर्ड को लिखे अपने पत्र में कहा है कि बार किसी भी रिपोर्ट या फिर ऑडिट रिपोर्ट को लेकर उससे किसी प्रकार का संपर्क नहीं किया गया था जिसकी वजह से कंपनी ठीक समय पर ऑडिट की प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाई और ठीक समय से ऑडिट पूरा न करने की वजह से कंपनी की क्षमता और स्टैण्डर्ड पर प्रमुख रूप से प्रभाव पड़ेगा. आपको बता दें कि Deloitte के साथ-साथ कंपनी के तीन बोर्ड डायरेक्टर्स ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
नया ऑडिटर और अन्य समस्याएं
Byju’s ने Deloitte के इस्तीफे को लेकर किसी प्रकार का बयान नहीं दिया है. कंपनी ने बयान जारी करते हुए अपने नए ऑडिटर के बारे में जानकारी जरूर दी है. कंपनी ने BDO (MSKA & Associates) को अपने नए ऑडिटर्स के रूप में आने पांच सालों के लिए चुना है. इतना ही नहीं, Redwood कॉर्पोरेशन के साथ Byju’s का एक मामला न्यूयॉर्क की एक अदालत में चल रहा है जो लोन का भुगतान न करने से संबंधित है.
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