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देश का खास बाजार, जहां है 4000 से ज्यादा दुकान! मगर पुरुष अपनी बिजनेस नहीं कर सकता

Tara Tandi
15 Feb 2021 8:03 AM GMT
देश का खास बाजार, जहां है 4000 से ज्यादा दुकान! मगर पुरुष अपनी बिजनेस नहीं कर सकता
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आपने अपने शहर में कई तरह के मार्केट देखे होंगे.

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | आपने अपने शहर में कई तरह के मार्केट देखे होंगे. अधिकतर बाजार वहां मिलने वाले सामान के आधार पर बांटे जाते हैं, जैसे कोई जूतों का मार्केट है तो कोई कपड़ों का. लेकिन भारत में एक ऐसा मार्केट जहां मिलता तो सबकुछ है, लेकिन उसकी खासियत कुछ और ही है. यह कोई छोटा मार्केट भी नहीं है, इसमें करीब 4000 से ज्यादा दुकाने हैं, लेकिन इसकी खासियत ने इसे एशिया का सबसे बड़ा मार्केट बना दिया है.

दरअसल, इस मार्केट की खास बात ये है कि यहां कोई भी पुरुष अपनी दुकान नहीं लगा सकता है. यहां सिर्फ महिलाएं ही दुकान लगाती हैं और यहां महिलाएं ही सिर्फ कारोबार कर सकती हैं. यह सुनने में अजीब है लेकिन यह सच बात है कि यहां सिर्फ महिलाएं ही बिजनेस करती हैं और यह एशिया का सबसे बड़ा ऑल वुमन रन मार्केट है. यानी यह पूरा मार्केट महिलाओं की ओर से ही संचालित किया जाता है. ऐसे में जानते हैं इस मार्केट से जुड़ी खास बातें, जिनके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे…

मणिपुरी में इसे इमाकैथिल मार्केट कहते हैं और इसे मदर्स मार्केट के नाम से भी जाना जाता है, जो मणिपुर की राजधानी इंफाल में है. इसमें अभी 4000 से अधिक महिलाएं कारोबार कर रही हैं और परिवार के साथ देश की अर्थव्यवस्था में अपना अहम योगदान दे रही हैं. एक भी दुकान किसी पुरुष की ओर से संचालित नहीं की जाती, इसलिए इसे खास माना जाता है.

कब हुई थी इसकी शुरुआत?

ऐसा भी नहीं है कि महिलाओं के इस मार्केट की शुरुआत कुछ साल पहले ही हुई है. यह कई सदियों पुराना मार्केट है और यहां हमेशा से ही महिलाएं ही व्यापार करती हैं. इसकी शुरुआत करीब 500 साल पहले हुई थी. कहा जाता है कि जब मैती कम्यूनिटी के आदमी महीनों तक जंग के लिए घर से बाहर रहते थे तो इस वक्त महिलाओं ने घर संभाला था. इसके साथ ही उन्होंने परिवार के लिए काम करना भी शुरू कर दिया और यहां कमाए हुई पैसों से परिवार के खर्चे में सहयोग किया.

वक्त के साथ इस मार्केट में कारोबार काफी बढ़ता गया और अब इस मार्केट से हजार महिलाएं अपने 4 हजार परिवार में मदद करती हैं और ऐसा सदियों से होता आ रहा है. इस मार्केट में किसी भी पुरुष को दुकान लगाने की इजाजत नहीं है. यहां कई महिलाएं पीढ़ियों से यहां दुकान लगा रही हैं, यानी कई महिलाओं की मां, नानी, दादी भी यहां दुकान चलाती थीं और अब उन्होंने भी इस काम को जारी रखी है. यहां अधिकतर महिलाएं विवाहित हैं, जो अपने अपने परिवार पालने में अपना अहम सहयोग दे रही हैं.

बाजार में क्या मिलता है?

इस बाजार में घर में इस्तेमाल होने वाले रोजमर्रा के सामान के साथ सब्जी, कपड़े, क्लासिकल आइटम सब मिलते हैं. मणिपुर के कई पारंपरिक सामान भी यहां मिलते हैं, जिन्हें काफी पसंद किया जाता है. इस बाजार में कई तरह के सामान मिलते हैं. यहां दुकान चलाने वाली महिलाएं हर साल 75 हजार से 3 लाख रुपये तक कमा लेती हैं. वहीं, यह महिलाओं के चर्चा करने का भी सबसे अच्छा स्थान है.

कहा जाता है कि जब इतनी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब यहां महिलाओं को लोकल खबरें यहां ही मिलती थी. यहां उन्हें खबरों के साथ साथ अन्य महिलाओं से बहुत कुछ सीखने को मिलती थी, इसलिए इसे महिलाओं के लिए लर्निंग प्लेस माना जाता है.

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