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उच्चतम स्तर पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार, पहुंचा 641 अरब डॉलर पर आंकड़ा
Renuka Sahu
23 Oct 2021 5:45 AM GMT
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फाइल फोटो
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 15 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में 1.492 अरब डॉलर बढ़कर 641.008 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 15 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में 1.492 अरब डॉलर बढ़कर 641.008 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. RBI ने शुक्रवार को इस संबंध में डेटा जारी किया है. 8 अक्टूबर को खत्म हुए इससे पिछले हफ्ते में भंडार में 2.039 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी और यह 639.516 अरब डॉलर हो गया था. रिजर्व 3 सितंबर 2021 को खत्म हुए हफ्ते में 642.453 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर आ गया था.
फॉरेन करेंसी एसेट्स में इजाफा वजह
15 अक्टूबर को खत्म हुए समीक्षाधीन हफ्ते में, विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी की मुख्य वजह फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCAs) में इजाफा रहा, जो कुल रिजर्व का मुख्य हिस्सा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी साप्ताहिक डेटा के मुताबिक, FCAs 950 मिलियन डॉलर बढ़कर 577.951 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं.
डॉलर की टर्म में देखे जाने वाला, फॉरेन करेंसी एसेट्स में नॉन-यूएस यूनिट्स जैसे यूरो, पाउंड और येन में बढ़ोतरी या गिरावट का असर शामिल होता है, जो फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में मौजूद हैं.
स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी
डेटा के मुताबिक, समीक्षाधीन हफ्ते में सोने का रिजर्व भी 557 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 38.579 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास मौजूद स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDRs) 21 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 19.247 अरब डॉलर पर आ गए हैं. आईएमएफ के साथ देश की रिजर्व स्थिति 6 मिलियन डॉलर बढ़कर 5.231 अरब डॉलर पर पहुंच गई है.
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा था कि भारत मजबूत आर्थिक पुनरुद्धार का अनुभव कर रहा है, और उसने अपनी मौद्रिक नीति में उदार बने रहने का फैसला किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत बहुत मजबूत आर्थिक सुधार देख रहा है, लेकिन अभी भी विभिन्न क्षेत्रों के बीच असमानता है. उनके भाषण के हिस्से को आईएमएफ ने जारी किया. इस वीडियो क्लिप में दास ने कहा कि इसलिए हमने अपनी मौद्रिक नीति में उदार बने रहने का फैसला किया है, जबकि साथ ही मुद्रास्फीति के परिदृश्य पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.
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