वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए सरकार से सोने पर आयात शुल्क घटाने की मांग की गई है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने बजट के लिए दिए अपनी सिफारिशों में सोने पर आयात शुल्क को 7.5% से घटाकर 4% करने की मांग की है। क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज देने की भी अपील की।
जीजेईपीसी ने अपनी बजट पूर्व सिफारिशों में कटे एवं पॉलिश हीरों और रत्नों पर भी आयात शुल्क को 7.5% से घटाकर 2.5% करने का सुझाव दिया। परिषद ने कहा कि आयात शुल्क घटाकर 4% करने से 500 करोड़ के बजाय 225 करोड़ की कार्यशील पूंजी ही फंसेगी।
41 अरब डॉलर का है निर्यात लक्ष्य
भारत रत्न एवं आभूषण का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है। वैश्विक रत्न एवं आभूषण निर्यात में 5.8 फीसदी हिस्सेदारी है। जीजेईपीसी के अध्यक्ष कोलिन शाह ने कहा कि हम इस क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष के दौरान 41 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल कर लेंगे। हमने आजादी के शताब्दी वर्ष में 100 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य तय किया है। इसी क्रम में हम सरकार से अपील करते हैं कि आगामी बजट में इस क्षेत्र के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा करे।
रत्न-आभूषण पर जीएसटी घटाने की मांग
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने सरकार से जीएसटी की दर को 3 फीसदी से घटाकर 1.25 फीसदी करने की मांग की है। साथ ही पैन कार्ड की सीमा दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का भी आग्रह किया है। जीजेसी का कहना है कि ग्रामीण भारत में कई घरों में पैन कार्ड नहीं है। इससे जरूरत के समय न्यूनतम आवश्यक आभूषण की व्यवस्था करने में कठिनाई होती है। क्रेडिट कार्ड से आभूषणों की खरीद पर बैंक कमीशन (1-1.5 फीसदी) को माफ किया जाए।