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सरकार ने गुरुवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) में अपनी समूची 53 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश वापस ले ली. उसने कहा कि ज्यादातर बोलीदाताओं ने वैश्विक ऊर्जा बाजार में मौजूदा स्थिति के कारण निजीकरण में भाग लेने को लेकर असमर्थता जतायी है. सरकार ने BPCL में पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी. इसके लिये मार्च, 2020 में बोलीदाताओं से रुचि पत्र आमंत्रित किये गये थे. नवंबर, 2020 तक कम-से-कम तीन बोलियां आयीं.Also Read - Gold price today, 4 May 2022: सोने में लगातार गिरावट जारी, जानें- क्या आ गया है खरीदारी करने का सही समय?
हालांकि, दो बोलीदाता ईंधन कीमत निर्धारण को लेकर चीजें स्पष्ट नहीं होने जैसे कारणों से बोली से बाहर हो गए. इससे बोली में केवल एक ही कंपनी रह गयी. निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा कि बोली आमंत्रित करने के बाद इसमें रुचि रखने वालों से कई रुचि पत्र आमंत्रित किये गये. पात्र इच्छुक पक्षों (क्यूआईपी) ने कंपनी की जांच-परख का काम शुरू किया था. विभाग के अनुसार, हालांकि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न वैश्विक हालात से दुनियाभर के उद्योग खासकर तेल एवं गैस क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. Also Read - Indian Oil ने जारी की चेतावनी! बाइक या कार की टंकी न करें फुल, विस्फोट का बन सकता है कारण; जानें Viral मैसेज की हकीकत
दीपम ने कहा, 'वैश्विक ऊर्जा बाजार में मौजूदा हालात के कारण अधिकतर पात्र इच्छुक पक्षों ने बीपीसीएल के विनिवेश की मौजूदा प्रक्रिया में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की है.' विभाग ने कहा कि इसको देखते हुए विनिवेश पर मंत्रियों के समूह ने बीपीसीएल में रणनीतिक विनिवेश के लिये रुचि पत्र प्रक्रिया बंद करने का निर्णय किया है. इसके साथ क्यूआईपी से जो रुचि पत्र मिले हैं, वे रद्द हो जाएंगे. Also Read - Twitter में हिस्सेदारी खरीदने के बाद अब माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के बोर्ड में भी होगी Elon Musk की एंट्री
विभाग ने कहा, 'बीपीसीएल में रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय अब स्थिति की समीक्षा के आधार पर उपयुक्त समय पर किया जाएगा.' देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनिंग और ईंधन विपणन कंपनी के निजीकरण को लेकर शुरू में कंपनियों ने वैश्विक बाजार में तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ बहुत रुचि नहीं दिखायी थी. बाद में घरेलू बाजार में ईंधन कीमत निर्धारण में स्पष्टता की कमी से भी वे प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर ज्यादा आकर्षित नहीं हुए. इंडियन ऑयल के बाद बीपीसीएल देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी है. कंपनी की मुंबई, कोच्चि और मध्य प्रदेश में रिफाइनरी इकाइयां हैं.
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