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सरकार की इस स्कीम का फायदा, जानिए क्या है मामला, सैमसंग को नहीं मिल सकेगा

Nidhi Markaam
7 July 2021 7:43 AM GMT
सरकार की इस स्कीम का फायदा, जानिए क्या है मामला, सैमसंग को नहीं मिल सकेगा
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सरकार को इस योजना के तहत 37 आवेदन मिले हैं. इसमें फॉक्सकान और उसकी सहायक राइजिंग स्टार, फ्लेक्स, सानमीना एससीआई और नोकिया के अलावा घरेलू कंपनियों में डिक्सन टेक्नोलॉजीज, एचएफसीएल और कोरल टेलीकॉम भी शामिल हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाली दक्षिण कोरिया की प्रमुख कंपनी सैमसंग ने दूरसंचार उपकरण विनिर्माण को लेकर उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के लिये आवेदन नहीं किया है. वहीं स्वीडन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता एरिक्सन ने अपने वेंडर जाबिल सर्किट के जरिये आवेदन किया है.

ऐसा समझा जाता है कि सरकार को योजना के तहत 37 आवेदन मिले हैं. इसमें फॉक्सकान और उसकी सहायक राइजिंग स्टार, फ्लेक्स, सानमीना एससीआई और नोकिया के अलावा घरेलू कंपनियों में डिक्सन टेक्नोलॉजीज, एचएफसीएल और कोरल टेलीकॉम भी शामिल हैं. एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई भाषा से कहा, ''सैमसंग ने योजना के लिये आवेदन नहीं किया है.''इस बारे में सैमसंग को ई-मेल भेजकर टिप्पणी मांगी गयी, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. सैमसंग दूरसंचार उपकरण की आपूर्ति रिलायंस जियो को करती है.
स्वीडन की कंपनी एरिक्सन ने कहा है कि वह अपने वेंडर जाबिल सर्किट के जरिये पीएलआई योजना में शामिल हो रही है. एरिक्स इंडिया के प्रमुख नितिन बंसल के अनुसार हम अपने साझेदार जाबिल के माध्यम से दूरसंचार क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना में शामिल हो रहे हैं.
सरकार के मुताबिक डेल, लावा, डिक्सन, विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन सहित 14 कंपनियों को सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) के तहत मंजूरी दी गयी है. अगले चार सालों में इन कंपनियों से 1.61 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के कुल उत्पादन को बढ़ावा देने और 36,000 से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के सीधे अवसरों का सृजन करने की उम्मीद है.
क्या है PLI स्कीम
आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना तीन मार्च, 2021 को अधिसूचित की गयी है. यह पात्र कंपनियों को चार साल की अवधि (वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2024-25) के लिए भारत में विनिर्मित लक्षित उत्पादों के तहत वित्त वर्ष 2019-20 के आधार पर शुद्ध रूप से बढ़ी हुई बिक्री पर एक से चार प्रतिशत का प्रोत्साहन देता है.
इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि योजना वैश्विक और साथ ही घरेलू विनिर्माण कंपनियों से मिले आवेदन के लिहाज से काफी सफल रही है. उन्होंने कहा, 'हम मूल्य श्रृंखला में एक मजबूत तंत्र का निर्माण करने और उसे वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जोड़ने को लेकर आशान्वित हैं, इससे देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण तंत्र को मजबूती मिलेगी.'


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