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आने वाली नई इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी को सिर्फ पांच मिनट में होंगे चार्ज... जानें कैसे
Ritisha Jaiswal
10 Sep 2021 8:55 AM GMT
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पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी है। लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियां की बैटरी को चार्ज करने में लगने वाला समय आज भी कार खरीदारों के सामने चिंता की बात है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी है। लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियां की बैटरी को चार्ज करने में लगने वाला समय आज भी कार खरीदारों के सामने चिंता की बात है। लेकिन ये चिंता अब ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी। जल्द ही बाजार में आने वाली नई इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी को मात्र पांच मिनट में चार्ज किया जा सकेगा। इजराइल की कंपनी स्टोर डॉट ने आधुनिक तकनीक के तैयार की गई खास तरह की लिथियम आयन बैटरियां पेश की हैं जिन्हें मात्र पांच मिनट में ही चार्ज किया जा सकेगा। आने वाले समय में इस तरह की बैटरियां इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लग कर आ सकती हैं।
StoreDot ने हाल ही में फोन, ड्रोन, स्कूटर और कार निर्माताओं के लिए एक्सट्रीम फास्ट चार्जिंग बैटरियों को पेश किया। कंपनी की ओर से पेश की गई बैटरियों को पांच मिनट में चार्ज किया जा सकता है लेकिन इसके लिए आज इस्तेमाल होने वाले चार्जर की तुलना में कहीं अधिक पावर वाले चार्जर की जरूरत होगी। कंपनी का उद्देश्य है कि 2025 तक इस तरह का चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करे जिसके जरिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को पांच मिनट तक चार्ज करने के बाद कम से कम 100 मील सफर किया जा सके। कंपनी पांच मिनट में चार्ज होने वाली बैटरियों के कॉमर्शियल उत्पादन के लिए पूरी तरह से तैयार है। कंपनी के सीईओ, डॉ डोरोन मायर्सडॉर्फ़ के मुताबिक जल्द ही पांच मिनट में चार्ज होने वाली बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उपलब्ध होंगी। कंपनी के वैज्ञानिकों ने कई चुनौतियों को पार करते हुए एक्सट्रीम फास्ट चार्जिंग बैटरियों की सुरक्षा, लाइफ साइकिल, मैटेरियल और सेल डिजाइन को लेकर बेहतरीन काम किया है। उन्होंने बताया कंपनी अब इस बैटरी के कॉमर्शियल उत्पादन करने की स्थिति में है। उन्होंने बताया कि साल के अंत तक कंपनी अपनी सेकेंड जनरेशन सिलिकॉन-डोमिनेंट एनोड प्रोटोटाइप बैटरी को भी बाजार में पेश करेगी।
लिथियम आयन बैटरी को रीसायकल करने वाली कंपनी LOHUM के को फाउंडर जस्टिन लेमौन कहते हैं कि भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में आने वाले समय में देश में गाड़ियों की लिथियम आयन बैटरियों को रीसायकल करना बड़ी चुनौती होगी। एक अनुमान के मुताबिक 2027 तक 200 गीगावाट आवर्स क्षमता की बैटरियां रीसाइक्लिंग के लिए उपलब्ध होंगी। इन बैटरियों को रीसायकल करने का बाजार करीब 11 बिलियन डॉलर का होगा। लीथियम आयन बैटरी और उसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए बैटरियों की रीसाइक्लिंग जरूरी है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रिसर्च एंड एडवोकेसी अनुमिता रॉय चौधरी के मुताबिक भारत में गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलने की रफ्तार काफी धीमी है। अबतक देश में मौजूद कुल गाड़ियों में मात्र एक फीसदी ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं। 2050 तक जीरो एमिशन या carbon neutrality के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 20 देशों ने पहले ही पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को सड़क से हटाने के लिए अपने प्लान पेश कर दिए हैं। भारत में 46 फीसदी की दर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बाजार के बढ़ने पर ही जीरो कार्बन एमीशन के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा।
पांच मिनट में चार्ज होने वाली बैटरी में तैयार हुई है ये तकनीक
सामान्य तौर पर लिथियम आयन बैटरी में एक इलेक्ट्रोड ग्रेफाइट का बनाया जाता है। इसी में लिथियम आयन चार्ज स्टोर होते हैं। लेकिन बहुत तेज चार्ज करने पर आयन मेटल में बदल जाते हैं और बैटरी में शॉट सर्किट हो जाता है। इसलिए इस बैटरी को धीरे चार्ज किया जाता है। लेकिन StoreDot ने जो लिथियम आयन बैटरी बनाई है उसमें उन्होंने ग्रेफाइट की जगह सेमीकंडक्टर नैनोपार्टिकल्स का इस्तेमाल किया है। नैनो पार्टिकल्स के तौर पर इस बैटरी में जर्मेनियम का इस्तेमाल किया गया है। इस बैटरी को बहुत तेज चार्ज किया जा सकता है। लेकिन StoreDot इस बैटरी को और बेहतर और सस्ता बनाने के लिए इसमें सिलिकॉन के इस्तेमाल पर शोध कर रही है। साल के अंत तक इस तरह की बैटरी को कंपनी पेश कर सकती है।
हाल ही में पेश की गई ब्लूमबर्ग एनईएफ प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक अगले 20 सालों में दुनिया में लगभग 500 मिलियन इलेक्ट्रिक गाड़ियां सड़कों पर होंगी। ऐसे में पूरी दुनिया में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसमें आधुनिक तकनीक की भी बड़ी भूमिका होगी। आने वाले समय में ईवी चार्जिंग को लेकर भी कई नए बिजनेस मॉडल काम करेंगे।
फिलहाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए तीन प्रमुख तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है
1. ट्रिकल चार्जर
ये गाड़ी को धीमें चार्ज करने का तरीका है। प्रमुख रूप से घरों में इसी तकनीक के तहत गाड़ियों को चार्ज किया जाता है। इसमें 220 वाट के तीन पिन प्लग का इस्तेमाल होता है। कंपनियां तरीके का इस्तेमाल इमरजेंसी में करने की सलाह देती हैं।
2. एसी चार्ज
इस तकनीक के तहत एक बॉक्स लगाया जाता है। इसमें फॉस्ट चार्जिंग का भी विकल्प दिया जाता है। सार्वजनिक जगहों पर भी इस तरह के चार्जर लगे होते हैं।
3. डीसी चार्जर
ये इलेक्ट्रिक गाड़ियों को सबसे तेज चार्ज करने का तरीका है। इसके तहत कई सार्वजनिक जगहों पर फॉस्ट चार्जिंग पावर स्टेशन लगाए जाते हैं। इनकी क्षमता 50 के डब्ल्यू या उससे ज्यादा की होती है। इस तरीके से आप अपनी गाड़ी की बैटरी को 20 से 80 फीसदी तक मात्र 40 मिनट में चार्ज कर सकते हैं। कुछ जगहों पर अल्ट्रा फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाए गए हैं। इनकी क्षमता 150 केडब्ल्यू की है।
1. व्हीकल टू ग्रिड
आने वाले समय में संभव है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरियों को ग्रिड की बिजली को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। करोड़ों गाड़ियां जब पार्किंग में खड़ी होंगी तो ग्रिड की बिजली इन गाड़ियों की बैटरी में स्टोर हो जाएगी और जरूरत पड़ने पर यहां से वापस ग्रिड में चली जाएगी। इलेक्ट्रिक गाड़ी के मालिक को इस व्यवस्था के तहत गाड़ी को चार्ज करने की लागत और घर में बिजली इस्तेमाल होने वाली बिजली के बिल में कुछ के ऑफर हो सकते हैं
2. वायरलेस ईवी चार्जिंग
आने वाले समय में आपको वायरलेस EV Charging की सुविधा देखने को मिल सकती है। इस तकनीक के आने पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री को भी बल मिलेगा। इस तकनीक के तहत जब गाड़ी किसी निश्चित पिकअप या ड्रॉप लोकेशन पर खड़ी होगी तो हाई पावर वायरल इवी चार्जिंग सिस्टम ये ये चार्ज हो जाएगी। खास तौर पर इस सुविधा का फायदा टैक्सी या कॉमर्शियल गाड़ियों को मिलेगा। इस सुविधा के लिए अंडरग्राउंड चार्जिंग प्लेट्स लगाई जाएंगी। जो गाड़ी के आने पर उसे चार्ज कर देंगी।
3. मोबाइल चार्जिंग
आने वाले समय में आपको कई चार्जिंग वैन, पोर्टेबल चार्जर और टेम्परेरी चार्जर जैसी सुविधाएं देखने को मिलेंगी। मोबाइल चार्जिंग की सुविधा शुरू करने के लिए न तो बहुत अधिक खर्च करने की जरूरत होगी और न ही कोई बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा।
4. अल्ट्रा फास्ट चार्जिंग
आने वाले दिनों में आपको कई सार्वजनिक जगहों पर अल्ट्रा फास्ट चार्जिंग का विकल्प मिलेगा। इसके तहत आपको अपनी गाड़ी चार्ज होने का घंटों इंतजार नहीं करना होगा। अल्ट्रा फास्ट चार्जिंग के तहत आपको एक मिनट चार्ज करने पर आपको लगभग 32 किलोमीटर के सफर की सुविधा मिलेगी। इस सुविधा के आने के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग तेजी से बढ़ेगी। ऑस्ट्रेलिया सरकार पूरे देश में अल्ट्रा फास्ट ईवी चार्जिंग नेटवर्क बनाने पर काम कर रही है।
Ritisha Jaiswal
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