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The Ashok Hotel News: बिकने जा रहा देश का पहला सरकारी 5 स्‍टार होटल! तीन करोड़ रुपये में हुआ था न‍िर्माण

Tulsi Rao
19 Aug 2022 6:20 AM GMT
The Ashok Hotel News: बिकने जा रहा देश का पहला सरकारी 5 स्‍टार होटल! तीन करोड़ रुपये में हुआ था न‍िर्माण
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। The Ashok Hotel: सरकार कंपनी, बैंकों और एयरलाइन को न‍िजी हाथों में सौंपने के बाद अब राजधानी की शान माना जाने वाला अशोक होटल (Ashok Hotel) ब‍िकने की कगार पर है. सरकार ने होटल को ऑपरेट-मेंटेन-डेवलप (OMD) मॉडल के तहत 60 साल के ल‍िए पट्टे पर देने का प्‍लान बनाया है. इसके अलावा पीपी मॉडल के तहत होटल की 6.3 एकड़ जमीन को कमर्शियल यूज के ल‍िए बेचा जाएगा. नए स‍िरे से इसे व‍िकस‍ित करने में 450 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्‍मीद है.


तीन करोड़ रुपये में हुआ था न‍िर्माण
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने यूनेस्को सम्मेलन के लिए इसका 1960 के दशक में न‍िर्माण कराया था. उस समय इसे बनवाने में तीन करोड़ रुपये खर्च हुए थे. आप आज इसकी कीमत का अंदाजा इससे लगा सकते हैं, उस समय देश में सोने की कीमत 90 रुपये तोला (10 Gram) हुआ करती थी, जो क‍ि आज बढ़कर करीब 52 हजार रुपये तोला है.

11 एकड़ जगह में फैला है अशोक होटल
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार होटल की अतिरिक्त जमीन पर पीपीपी मॉडल के तहत (PPP Model) लग्जरी अपार्टमेंट्स बनाए जाएंगे. अशोक होटल 11 एकड़ जगह में फैला है, यह देश का पहला फाइव स्टार सरकारी होटल है. इसके अंदर 550 कमरे, करीब 2 लाख वर्ग फीट रिटेल और ऑफिस स्पेस, 30 हजार वर्ग फीट में बैंक्वेंट और 25 हजार वर्ग फीट में आठ रेस्तरां शामिल हैं.

यह है सरकार की योजना
वर्तमान में अशोक होटल का मालिकाना हक सरकारी कंपनी आईटीडीसी (ITDC) के पास है. इसे ओएमडी मॉडल के तहत पट्टे पर देने की तैयारी है. मीड‍िया र‍िपोर्ट के अनुसार इसे दुनिया के जाने-माने हेरिटेज होटल की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. प्राइवेट पार्टनर ही होटल को ऑपरेट करेगा. होटल के पास स्थित 6.3 एकड़ जमीन पर 600 से 700 प्रीमियम सर्विस अपार्टमेंट बनाए जाएंगे.


कैसे बना था होटल
उस समय नेहरू की अपील पर रियासतों के पूर्व शासकों ने इसके न‍िर्माण में योगदान दिया था. उनकी तरफ से 10 से 20 लाख का योगदान दिया गया. बाकी खर्च केंद्र सरकार ने उठाया था. मुंबई के आर्किटेक्ट बीई डॉक्टर को अशोक होटल के डिजाइन और निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. नेहरू अक्सर घोड़े पर सवार होकर होटल के न‍िर्माण का जायजा लेने आया करते थे.


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