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भारत के इन शहरों में टेस्ला खोलेगा अपना शोरूम, जानिए कैसे मिलती है फ्रेंचाइजी

Gulabi
8 April 2021 12:37 PM GMT
भारत के इन शहरों में टेस्ला खोलेगा अपना शोरूम, जानिए कैसे मिलती है फ्रेंचाइजी
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टेस्ला इंक भारत के तीन शहरों में अपना शोरूम खोलने के लिए लोकेशन की तलाश कर रही

टेस्ला इंक भारत के तीन शहरों में अपना शोरूम खोलने के लिए लोकेशन की तलाश कर रही है. इसके लिए कंपनी ने एग्जीक्यूटिव भी हायर कर लिया है जिससे टेस्ला आसानी से भारत में एंट्री कर सके. इलेक्ट्रिक कार मेकर ने जनवरी में एक लोकल कंपनी के तौर पर भारत में रजिस्टर किया था. कंपनी यहां मॉडल 3 को भारत में आयात करना चाहती है जिसकी शुरुआत इस साल के मध्य से हो सकती है.


मार्केट कैपिटलाइजेशन से दुनिया की सबसे वैल्यूएबल ऑटोमेकर अब कमर्शियल प्रॉपर्टी की तलाश में है जहां उसे 20,000- 30,000 स्क्वायर फीट की जगह की जरूरत है. कंपनी यहां नई दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर में अपने शोरूम खोलना चाहती है. टेस्ला ने यहां इंवेस्टमेंट प्रमोशन बॉडी इंवेस्ट इंडिया के पूर्व एग्जीक्यूटिव मनुज खुराना को चुना है. खुराना का काम पॉलिसी और बिजनेस को संभालना होगा और देश में टेस्ला के डेवलपमेंट पर फोकस करना होगा. हालांकि टेस्ला ने यहां इस मामले पर फिलहाल कोई बयान नहीं दिया है.


अक्टूबर के महीने में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ट्विटर पर ऐलान किया था कि वो साल 2021 में भारत में एंट्री करने जा रहे हैं. ऐसे में अब शोरूम के लिए जगह और लोगों को नौकरी पर रखने की बात से ये तो साबित हो चुका है कि टेस्ला ने काम में तेजी ला दी है.

टेस्ला को यहां हो सकती है दिक्कत
कुछ लग्जरी कार शोरूम की अगर बात करें तो मेट्रो शहरों में ये 8000 से लेकर 10,000 स्कॉयर फीट के होते हैं. लेकिन ज्यादातर ऐसे शोरूम छोटे होते हैं. ऐसे में रियर एस्टेट स्पेस की भारत में सप्लाई काफी शार्ट है. यानी की अगर नई दिल्ली और मुंबई के शहरों में टेस्ला को कोई बड़ी जगह लेनी है तो कंपनी को यहां ज्यादा रकम देना पड़ सकता है. अगर आपने दुनिया में मौजूद टेस्ला के शोरूम को देखा हो तो ज्यादातर शोरूम एक्सपीरियंस सेंटर्स की तरह ही लगते हैं. ऐसे में भारत में भी कंपनी इस तरह के ही शोरूम खोलने पर फोकस कर रही है.

भारत में लगातार बढ़ रही है EV सेल्स
भारत में पिछले साल कुल 2.4 मिलियन कारों की सेल हुई जिसमें 5000 कारें इलेक्ट्रिक थीं. जबकि चीन में यहीं आंकड़ा 1.25 मिलियन तक पहुंच गया जो इलेक्ट्रिक थीं. टेस्ला ने यहां गाड़ियों को आयात करने का फैसला किया है. वहीं सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार यहां उन कंपनियों के प्रोडक्शन कॉस्ट को घटाने के लिए तैयार है अगर वो अपने प्रोडक्ट्स को लोकल मैन्युफैक्चरिंग करते हैं.

कार शोरूम खोलने के लिए क्या करना पड़ता है?
कार शोरूम खोलने के लिए आपको सबसे पहले जगह और उसके रेंट का चुनाव करना पड़ता है. इसके लिए आपको लोकल अथॉरिटी और बाकी के कामों के लिए राज्य सरकार से भी परमिशन लेना पड़ता है. यहां आपको कई सारे फॉर्म भरने पड़ते हैं जिसमें इंश्योरेंस, टैक्स, बिनजेस की जानकारी, बैंक अकाउंट, लीगल और लोकल लाइसेंस की जरूरत पड़ती है.

यहां आपको पूरी तरह अपने बिनजेस के बारे में बताना होता है कि आपकी क्या जरूरत है, शोरूम में कितनी गाड़ियां रहेंगी. सर्विस सेंटर का एरिया कौन सा होगा. वहां क्या क्या काम किए जाएंगे. अंदाजे के हिसाब से इसमें कई करोड़ों रूपए का खर्चा आता है. वहीं अगर कोई नई कंपनी है यानी की टेस्ला जो भारत में पहली बार एंट्री करेगी तो उसे अपनी जेब काफी ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है.


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