बैंकों ने इक्विटी से जुड़ी बचत योजना (ईएलएसएस) जैसे म्यूचुअल फंड उत्पादों की तर्ज पर टैक्स छूट के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की लॉक-इन अवधि को घटाकर तीन साल करने का सुझाव दिया है। वर्तमान में पांच साल की लॉक-इन वाली एफडी पर ही टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने सरकार को दिए सुझाव में कहा कि टैक्स बचत के लिए अन्य वित्तीय उत्पादों की तुलना में एफडी कम आकर्षक हो गया है। लॉक-इन अवधि कम कर करने से एफडी के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। वर्तमान में पांच साल की एफडी में निवेश पर आयकर कानून-1961 की धारा 80सी के तहत छूट मिलता है। छूट सीमा 1.50 लाख है। संघ ने वित्तीय समावेश के लिए किए गए उपायों व डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने पर खर्च के लिए विशेष छूट की भी मांग की है।
स्वास्थ्य बजट : 50 फीसदी तक वृद्धि की उम्मीद
महामारी के दौर में सरकार स्वास्थ्य बजट में 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी कर सकती है। पिछले बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.38 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया गया था। लेकिन इस बार इसमें बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। इस बार वैक्सीन के विस्तार पर खास जोर रहने की उम्मीद है। इसके अलावा, राज्यों को केंद्र सरकार की योजनाओं को जमीन पर लागू करने के लिए दिए जाने वाली राशि में भी 30 फीसदी तक की वृद्धि देखने को मिल सकता है।
दोपहिया पर जीएसटी घटाने की मांग
ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा ने दोपहिया वाहनों पर जीएसटी की दर को 28% से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने कहा कि दोपहिया वाहन कोई लग्जरी उत्पाद नहीं है बल्कि आम लोग दैनिक कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। इसलिए जीएसटी दरों में कमी की जरूरत है। इससे मांग में इजाफा होगा। अभी दोपहिया वाहनों पर 28% जीएसटी के साथ दो फीसदी उपकर लगता है।