देश की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी Tata Motors ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में अपने पूंजीगत व्यय को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 32,000 करोड़ रुपये कर दिया है। यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2021-22 में 23,000 करोड़ रुपये था। कहा जा रहा है कि कमर्शियल वाहन, पैसेंजर वाहन और इसकी सहायक जगुआर लैंड रोवर में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) सेगमेंट को और बढ़ाने के लिए कंपनी पूंजीगत व्यय का इस्तेमाल करेगी।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्र ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा, "वित्त वर्ष 22 में कोविड महामारी, सेमीकंडक्टर चिप की कमी और कमोडिटी की कीमतों में भारी वृद्धि जैसे चुनौतीपूर्ण संकटों में भी यात्री और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इस साल को ऐतिहासिक वर्ष बनाने के लिए टाटा मोटर्स ने कई नए रिकॉर्ड बनाए।"
अगर कंपनी के सालाना कारोबार पर नजर डालें तो कंपनी अबतक 2.5 लाख से अधिक यूनिट्स और 1.1 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की रिकॉर्ड बुकिंग कर चुकी है, जिसकी आने वाले 6 से 9 महीनों में डिलवरी शुरू कर दी जाएगी। इसमें जगुआर लैंड रोवर की अब तक की सबसे ज्यादा बुकिंग 1.68 लाख यूनिट्स की है, जबकि पैसेंजर व्हीकल बिजनेस 75,000 यूनिट से 1 लाख यूनिट्स का है। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट के लिए मीडिया से बात करते हुए, टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पी बी बालाजी ने कहा कि चौथी तिमाही से EV सेगमेंट के लिए अच्छी फंड की व्यवस्था की जाएगी।
चंद्रा ने कहा, "हमने दो सहायक कंपनियों टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड का भी संचालन किया है। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेडव आईसी इंजन और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड द्वारा संचालित यात्री वाहनों पर ध्यान दे रही है ताकि यात्री ईवी व्यवसाय और इसके विकास में तेजी लाई जा सके।" उन्होंने आगे कहा कि सेमी-कंडक्टर की स्थिति और डिलीवरी में होने वाली देरी के बावजूद, हमारी 'न्यू फॉरएवर' रेंज की मांग मजबूत बनी हुई है।
टाटा मोटर्स के बीते महीने के सेल्स रिपोर्ट की बात करें तो अप्रैल में टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार पर मजबूत पकड़ बनाई है। बीते महीने टाटा की कुल बिक्री 74 प्रतिशत बढ़कर 72,468 यूनिट्स हो गई जो अप्रैल, 2021 में 41,729 यूनिट्स थी। इस दौरान कंपनी ने कुल 41,58 यूनिट्स पैसेंजर वाहनों की घरेलू बिक्री की है, जो पिछले साल 25,095 यूनिट्स थी। इससे कंपनी की बिक्री में 66 प्रतिशत का मुनाफा हुआ है। वहीं, कमर्शियल वाहनों की बिक्री भी दोगुना होकर 29,880 यूनिट्स पर पहुंच गई।