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भारतीय वाहन निर्माता टाटा मोटर्स
भारतीय वाहन निर्माता टाटा मोटर्स को अपने पैसेंजर व्हीकल्स के कारोबार को एक अलग यूनिट में ट्रांसफर करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ से मंजूरी मिल गई है. कार निर्माता पिछले कुछ समय से पैसेंजर व्हीकल (पीवी) बिजनेस को एक अलग स्टैंडअलोन यूनिट के रूप में तैयार करने के लिए सहयोग की तलाश कर रहा है.
टाटा मोटर्स ने एक रेगुलेटर फाइलिंग में कहा, "हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि एनसीएलटी ने 24 अगस्त, 2021 को अपने आदेश में उक्त योजना को मंजूरी दे दी है." टाटा मोटर्स अब आदेश मिलने के 30 दिनों के अंदर योजना की एक प्रति के साथ कंपनी रजिस्ट्रार, मुंबई के पास आदेश दाखिल करेगी. यह मंजूरी टाटा मोटर्स के बोर्ड द्वारा एक अलग यूनिट बनाने की मंजूरी देने के एक साल बाद आई है, जो संबंधित संपत्तियों, आईपी और कर्मचारियों को सीधे ट्रांसफर करके, इलेक्ट्रिक वाहन यूनिट सहित, 9,417 करोड़ रुपए की कीमत का पीवी बिजनेस करेगी."
इस साल की शुरुआत में, टाटा के शेयरहोल्डर्स ने वोट किया था और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस यूनिट को टीएमएल बिजनेस एनालिटिक्स सर्विसेज लिमिटेड को ट्रांसफर करने को मंजूरी दी थी क्योंकि बिक्री में गिरावट पर चिंता बढ़ गई थी. टाटा मोटर्स का मैनेजमेंट यह कहता रहा है कि उसने नए पार्टनर पर अंतिम फैसला नहीं लिया है जो उनके लिए पैसेंजर व्हीकल बिजनेस को संभालेगा.
भारत की चौथी सबसे बड़ी कार निर्माता है टाटा
टाटा मोटर्स हाल ही में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में बिक्री के मामले में भारत की चौथी सबसे बड़ी कार निर्माता बन गई है. यह Tiago जैसी छोटी हैचबैक से लेकर Harrier या Safari जैसी भारी SUVs तक कार्स ऑफर करती है. यह Tigor और Nexon जैसे इलेक्ट्रिक वाहन भी सेल करता है और भारत में सबसे अधिक बिकने वाली इलेक्ट्रिक कारों का दावा करता है. यह अगले हफ्ते नई जनरेशन की टिगोर ईवी लॉन्च करने जा रही है, जबकि पंच नामक एक नई सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी जल्द ही बाजारों में आने की राह पर है. इसके अलावा टाटा मोटर्स का कमर्शियल व्हीकल बिजनेस भी है, जिसे वह अपने पास रखेगी.
टाटा मोटर्स ने पहले कहा था कि डेवलपमेंट के लिए ओवरऑल बिजनेस रिस्ट्रक्चरिंग प्रोग्राम के हिस्से के रूप में पैसेंजर व्हीकल बिजनेस को फिर से ऑर्गनाइज करना जरूरी है.
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