टाटा : टाटा मोटर्स की ओर से कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में यात्री वाहन इंडस्ट्री की ग्रोथ 5 से 7 प्रतिशत रह सकती है, जबकि पिछले ये 27 प्रतिशत रही थी। यानी वित्त वर्ष 2022-23 में पिछले साल के मुकाबले के धीमापने देखने को मिलेगा। कंपनी अपनी सेल्स ग्रोथ को बनाए रखने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें सीएजी और इलेक्ट्रिक वाहनों पर कंपनी फोकस करेगी। एनलिस्ट कॉल में टाटा मोटर्स के यात्री और इलेक्ट्रिक वाहन के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश चंद्रा ने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है कि एसयूवी सेगमेंट को छोड़कर सभी सेंगमेंट में मांग वृद्धि थम गई है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले वित्त वर्ष में मांग और कम इन्वेंट्री होने के कारण वित्त वर्ष 2022-23 में 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। साथ ही बताया कि चालू वित्त वर्ष में मांग 5 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है। इसके बाद
अगले वित्त वर्ष से मांग में वृद्धि दर दोहरे अंक में पहुंच सकती है।सकती है, जबकि पिछले ये 27 प्रतिशत रही थी। यानी वित्त वर्ष 2022-23 में पिछले साल के मुकाबले के धीमापने देखने को मिलेगा। कंपनी अपनी सेल्स ग्रोथ को बनाए रखने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें सीएजी और इलेक्ट्रिक वाहनों पर कंपनी फोकस करेगी। एनलिस्ट कॉल में टाटा मोटर्स के यात्री और इलेक्ट्रिक वाहन के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश चंद्रा ने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है कि एसयूवी सेगमेंट को छोड़कर सभी सेंगमेंट में मांग वृद्धि थम गई है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले वित्त वर्ष में मांग और कम इन्वेंट्री होने के कारण वित्त वर्ष 2022-23 में 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। साथ ही बताया कि चालू वित्त वर्ष में मांग 5 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है। इसके बाद अगले वित्त वर्ष से मांग में वृद्धि दर दोहरे अंक में पहुंच सकती है।सकती है, जबकि पिछले ये 27 प्रतिशत रही थी। यानी वित्त वर्ष 2022-23 में पिछले साल के मुकाबले के धीमापने देखने को मिलेगा। कंपनी अपनी सेल्स ग्रोथ को बनाए रखने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें सीएजी और इलेक्ट्रिक वाहनों पर कंपनी फोकस करेगी। एनलिस्ट कॉल में टाटा मोटर्स के यात्री और इलेक्ट्रिक वाहन के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश चंद्रा ने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है कि एसयूवी सेगमेंट को छोड़कर सभी सेंगमेंट में मांग वृद्धि थम गई है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले वित्त वर्ष में मांग और कम इन्वेंट्री होने के कारण वित्त वर्ष 2022-23 में 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। साथ ही बताया कि चालू वित्त वर्ष में मांग 5 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है। इसके बाद अगले वित्त वर्ष से मांग में वृद्धि दर दोहरे अंक में पहुंच सकती है।