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Tata Motors FY2021 में बनी तीसरी सबसे बड़ी आटो ओरिजिनल एक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर

Gulabi
2 May 2021 9:11 AM GMT
Tata Motors FY2021 में बनी तीसरी सबसे बड़ी आटो ओरिजिनल एक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर
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अप्रैल 2020 में कोविड लॉकडाउन के कारण शून्य बिक्री के बावजूद

अप्रैल 2020 में कोविड लॉकडाउन के कारण शून्य बिक्री के बावजूद, टाटा मोटर्स ने पिछले वित्त वर्ष में 69% की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2021 में कुल 222,011 यूनिट्स की सेल की है. Tata Motors ने FY2020 में 131,197 यूनिट्स बेचीं. यह बिक्री बढ़ने से वाहन निर्माता भारतीय ऑटो निर्माताओं की रैंकिंग में शीर्ष 3 स्थान पर पहुंच गया है. बिक्री में वृद्धि ऐसे समय में हुई जब पूरे ऑटो उद्योग ने सख्त लॉकडाउन के कारण बिक्री में गिरावट, सप्लाई चेन में दिक्कत और दूसरी परेशानियों का सामना किया है.

आठ लंबे वर्षों में यह पहला अवसर था जब घरेलू वाहन निर्माता के यात्री वाहन व्यवसाय ने अपनी सबसे टॉप बिक्री दर्ज की. इसके अलावा, यह पहला मौका है जब Tata Motors FY2022 में दोहरे अंकों के बाजार हिस्सेदारी की ओर अग्रसर है. इसमें कोई दो राय नहीं कि, टियागो, टिगॉर, नेक्सॉन, हैरियर, सफारी, और यहां तक ​​कि नेक्सॉन ईवी जैसे मॉडल सहित यात्री वाहनों के मॉडल्स ने कंपनी को काफी फायदा पहुंचाया और भारतीय पीवी बाजार में अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बनाया है.
टाटा की टक्कर
टाटा आज के दौरा में उन बड़ी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है जिनका मार्केट शेयर बेहद ज्यादा है. उदाहरण के तौर पर मारुति का मार्केट शेयर 50 प्रतिशत के करीब है. मारुति सुजुकी (1) और टाटा मोटर्स (3) को छोड़कर भारतीय पीवी बाजार में शीर्ष तीन वाहन निर्माता कंपनियों में से एक हुंडई (2) है. ये बहुत पहले की बात नहीं है, जब टाटा मोटर्स उथल-पुथल के दौर में थी थी. कंपनी टाटा नैनो जैसी छोटी हैचबैक जो एक क्रांतिकारी प्रोडक्ट है, उसे पेश करने के बावजूद बाजार में इसकी हिस्सेदारी कम हो रही थी और कंपनी के प्रोडक्ट्स उम्मीद पर खरा नहीं उतर पा रहे थे. वहीं कंपनी पर सवाल भी उठने लगे थे.
नैनो, इंगिगो पर निर्भर थी कंपनी
क्वालिटी, कॉस्ट और प्रोडक्ट्स की कमी के कारण ऑटोमेकर मार्केट में अपना नाम नहीं बना पा रहा था. क्योंकि उस दौरान कंपनी सिर्फ एंट्री लेवल प्रोडक्ट जैसे इंडिका, इंडिगो और CS पर निर्भर थी. कार मेकर उस दौरान टैक्सी और उस बिजनेस पर ज्यादा फोकस कर रहा था जो टैक्सी ऑपरेटर थे. ऐसे में दूसरी कंपनियां जहां अलग अलग कार प्रोडक्ट्स लॉन्च कर रही थीं, वहीं टाटा अपने गियर को नहीं बदल पा रहा था.
पिछले कुछ सालों में बदल गया सबकुछ
FY2015 में, Tata Motors वॉल्यूम हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही थी, और Mahindra & Mahindra और Honda जैसे प्रतिस्पर्धी ब्रांड बिक्री के मामले में Tata को पछाड़ रहे थे. इसकी बाजार हिस्सेदारी केवल 5% के आसपास थी. ऑटोमेकर का व्यवसाय OEM और चैनल दोनों भागीदारों के संदर्भ में लाभदायक नहीं था.
हालांकि, वहाँ से, होमग्रोन ऑटोमोबाइल ब्रांड ने पिछले आधे दशक में ब्रांड छवि, ब्रांड वैल्यू और सेल्स वॉल्यूम के मामले में एक नाटकीय बदलाव किया है, जिसकी नतीजा ये है कि, पिछले वित्तीय वर्ष में सबसे अच्छा परिणाम दिखाई दिया था. डेटा से पता चलता है कि कार निर्माता को FY2021 में 8.2% बाजार हिस्सेदारी प्राप्त हुई. ये वित्त वर्ष 2015 में पंजीकृत 4.6% बाजार हिस्सेदारी की तुलना में थी. पिछले वित्त वर्ष में ऑटोमेकर की संचयी बिक्री की मात्रा चौथे स्थान के कार ब्रांड से लगभग 66,000 यूनिट अधिक थी.


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