स्विटजरलैंड की ब्रोकरेज ने GDP ग्रोथ अनुमान पर चलाई कैंची
मुंबई: भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 5.5 प्रतिशत रह सकती है। इसके चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। स्विटजरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस इंडिया की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यूबीएस इंडिया के अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस गिरावट की वजह वैश्विक वृद्धि में सुस्ती और सख्त मौद्रिक नीतियां हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया में कम प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा, लेकिन साथ ही यह साफ किया गया कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिकूलताओं से बच नहीं पाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है-घरेलू मांग पर मौद्रिक सख्ती के असर को ध्यान में रखते हुए हमारा अनुमान है कि 2023-24 में भारत की वृद्धि दर कम रहेगी। हमारा अनुमान है कि भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 में 6.9 प्रतिशत से धीमी होकर 2023-24 में 5.5 प्रतिशत रह जाएगी। इसके 2024-25 में छह प्रतिशत रहने का अनुमान है।
महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ने इस साल मई से अबतक ब्याज दरों में 1.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है और आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहने का अनुमान है। इससे वृद्धि प्रभावित हो सकती है।