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रेरा से सुपरटेक को लगा तगड़ा झटका, रद्द हुआ इन 2 प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन, जाने बाते
Bhumika Sahu
16 July 2021 4:05 AM GMT
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उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी के आदेश के तहत कंपनी के गोल्फ कंट्री जीएच01- फेज-1ए और गोल्फ कंट्री जीएच01- फेज-1बी के पंजीकरण को रेरा की धारा 5 के तहत धारा 4(2)(बी) और सेक्शन-11(4)(बी) के तहत ख़ारिज किया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने डेवलपर सुपरटेक लिमिटेड की दो परियोजनाओं के पंजीकरण आवेदन को खारिज कर दिया. उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने कहा कि उसने यह निर्णय पहले से सुपरटेक के पंजीकृत परियोजनाओं को पूरा करने में विफलता और घर खरीदारों को राहत देने वाले प्राधिकरण के आदेशों का पालन करने में विफलता के चलते लिया है.
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी के आदेश के तहत कंपनी के गोल्फ कंट्री जीएच01- फेज-1ए और गोल्फ कंट्री जीएच01- फेज-1बी के पंजीकरण को रेरा की धारा 5 के तहत धारा 4(2)(बी) और सेक्शन-11(4)(बी) के तहत ख़ारिज किया गया है.
मिल सकता है दूसरा अवसर
रेरा ने हालांकि पिछले आदेशों का पर्याप्त रूप से पालन करने के बाद इन दो परियोजनाओं के पंजीकरण के लिए फिर से आवेदन करने का दूसरा अवसर देने का भी फैसला किया है.रेरा सचिव राजेश कुमार त्यागी ने कहा, "यूपी रेरा ने 24 जून को राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई अपनी 63वीं बैठक में सुपरटेक लिमिटेड की दो प्रस्तावित परियोजनाओं के पंजीकरण के आवेदन को खारिज करने का फैसला किया."
पहले ही दी थी चेतावनी
इससे पहले मार्च 2021 में उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (UP RERA) ने सुपरटेक को नोटिस जारी किया था. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी रेरा ने सुपरटेक से साफ-साफ कहा था कि उसके दो प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा सकता है. ऐसे में वह कोर्ट के आदेश का पालन करे.
इन प्रोजेक्ट का काम अधूरा
UP RERA के अधिकारियों का कहना है कि सुपरटेक का 36 प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड है लेकिन डेवलपर ने कई प्रोजेक्ट को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है. 36 में 20 के करीब ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं जिनका रजिस्ट्रेशन खत्म हो गया है, लेकिन अभी तक इन प्रोजेक्ट्स का कामकाज पूरा नहीं किया गया है. मार्च 2021 में कंपनी की तरफ से कहा गया है कि वह अपने अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2300 करोड़ का फंड इकट्ठा करेगा. उस समय कंपनी की तरफ से कहा गया कि वह अब हाई राइज बिल्डिंग बनाने पर फोकस नहीं करेगी. इसको लेकर कंपनी का कहना था कि ऐसे प्रोजेक्ट की लागत बहुत ज्यादा होती है और मोनेटाइजेशन में काफी वक्त लगता है.
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