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पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में सुकन्या समृद्धि योजना या SSY भी शामिल है, जाने डिटेल्स

Bhumika Sahu
7 Jan 2022 2:31 AM GMT
पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में सुकन्या समृद्धि योजना या SSY भी शामिल है, जाने डिटेल्स
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पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में सुकन्या समृद्धि योजना या SSY भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप आने वाले दिनों में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स में कर सकते हैं. इन स्कीम्स में आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है. साथ में, इसमें निवेश किया गया पैसा भी पूरी तरह सुरक्षित रहता है. अगर बैंक डिफॉल्ट होता है, तो आपको पांच लाख रुपये की ही राशि वापस मिलती है. लेकिन डाकघर में ऐसा नहीं है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स में बेहद कम राशि से निवेश शुरू किया जा सकता है.

पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में सुकन्या समृद्धि योजना या SSY भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.
ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में सालाना 7.6 फीसदी की ब्याज दर मौजूद है. यह ब्याज दर 1 अप्रैल 2020 से लागू है. ब्याज को सालाना आधार पर कैलकुलेट और कंपाउंड किया जाता है.
निवेश की राशि
सुकन्या समृद्धि योजना में एक वित्त वर्ष के दौरान न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. इसमें 50 रुपये के मल्टीपल में जमा कराने होंगे. डिपॉजिट एकमुश्त राशि में भी किया जा सकता है. एक महीने या वित्त वर्ष में जमा की संख्या पर कोई सीमा तय नहीं की गई है.
कौन खोल सकता है अकाउंट?
डाकघर की इस योजना में अभिभावक 10 साल से कम उम्र की बच्ची के नाम पर अकाउंट खोल सकता है. इस स्कीम में भारत में पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक में एक बच्ची के नाम पर केवल एक अकाउंट ही खोला जा सकता है. इस अकाउंट को परिवार में अधिकतम दो बच्चियों के लिए खोला जा सकता है. दो जुड़वा बच्चियों या तीन बच्चियों की स्थिति में, दो से ज्यादा खाते खोले जा सकते हैं.
मैच्योरिटी
इस स्कीम में अकाउंट खोलने की तारीख से 21 साल बाद मैच्योरिटी पर खाता बंद किया जा सकता है. इसके अलावा बच्ची के 18 साल के होने के बाद शादी के समय भी खाता बंद किया जा सकता है.
टैक्स छूट
पोस्ट ऑफिस की सुकन्या समृद्धि योजना में जमा की गई राशि पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है. इस सेक्शन के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है.


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