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टैक्स कलेक्शन में जोरदार तेजी, सरकार ने की टैक्स से मोटी कमाई
Bhumika Sahu
27 July 2021 2:10 AM GMT
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उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में टैक्स कलेक्शन 5.57 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में करीब 86 प्रतिशत अधिक है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मोदी सरकार के लिए टैक्स के मोर्चे पर अच्छी खबर है. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार का टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) 86 फीसदी बढ़ा. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल-जून की तिमाही में सरकार का कुल कर संग्रह करीब 86 फीसदी बढ़कर 5.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
चौधरी ने बताया कि डायरेक्ट टैक्स के जरिये 2.46 लाख करोड़ रुपए और इनडायरेक्ट टैक्स के जरिये 3.11 लाख करोड़ रुपये का संग्रह हुआ. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में कर संग्रह 5.57 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में करीब 86 प्रतिशत अधिक है.
टैक्स चोरी करने वालों पर कड़ा कदम
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ कानून के मुताबिक कड़े कदम उठाता है. डायरेक्ट टैक्स के नियमों के तहत सर्वे, सर्च, इनक्वायरी, इनकम का एसेसमेंट, टैक्स और ब्याज लगाना, जुर्मा और जरूरत पड़ने पर आपराधिक अदालत में मामला दर्ज करना शामिल है. ब्लैक मनी और टैक्स एक्ट, 2015 के तहत 107 मामले दाखिल किए गए हैं.
इन पर भी लगाया गया टैक्स
31 मई, 2021 तक टैक्स एक्ट, 2015 के तहत 166 मामलों में एसेसमेंट आदेश जारी किए जा चुके हैं. इसके जरिए 8,216 करोड़ रुपये की मांग (Demand) भेजी गई है. इसके अलावा 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित आय पर टैक्स लगाया गया है. एचएसबीसी मामले में 1,294 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है. पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स लीक ममालों में क्रमश: 20,078 और 246 करोड़ रुपये की अघोषित कर्ज का पता लगाया गया है.
पोर्टल पर खर्च हुए 164.5 करोड़ रुपए
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी दी कि इनकम टैक्स विभाग की नई वेबसाइट तैयार करने के लिए सरकार ने जनवरी 2019 से जून 2021 के बीच इन्फोसिस को 164.5 करोड़ का पेमेंट किया है. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स की नई वेबसाइट तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट इन्फोसिस को ओपन टेंडर के जरिए मिला. यह कॉन्ट्रैक्ट सेंट्रल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल (CPPP) पर जारी किया गया था.
पंकज चौधरी ने कहा कि जनवरी 2019 से जून 2021 के बीच इस प्रोजेक्ट के लिए इन्फोसिस को अलग-अलग हिस्सों में 164.5 करोड़ का पेमेंट किया गया है. उन्होंने कहा कि यूनियन कैबिनेट ने 16 जनवरी 2019 को इस प्रोजेक्ट के लिए 4,241.97 करोड़ की मंजूरी दी थी. यह व्यय अगले 8.5 सालों में किया जाएगा. इसमें मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर (MSP), जीएसटी, रेंट, पोस्टेज और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का कॉस्ट शामिल किया गया है.
Bhumika Sahu
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