व्यापार

जल्द ही लोन देने वाले डिजिटल प्लेटफार्म्‍स के लिए आएगा सख्‍त नियम : गवर्नर शक्तिकांत दास

Renuka Sahu
10 Jun 2022 3:36 AM GMT
Strict rules will come soon for digital lending platforms: Governor Shaktikanta Das
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फाइल फोटो 

आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल लोन प्लेटफार्म के लिए जल्द ही नियम लेकर आएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल लोन प्लेटफार्म के लिए जल्द ही नियम लेकर आएगा। बता दें कि इन प्लेटफार्म में कई अनधिकृत एप हैं। डिजिटल लोन एप के कुछ आपरेटरों द्वारा कर्ज लेने वालों के उत्पीड़न के चलते उनके बीच कथित रूप से आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के तौर पर वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित आइकनिक वीक को संबोधित करते हुए दास ने कहा, 'उन्हें लगता है कि बहुत जल्द वे एक व्यापक नियामकीय ढांचे के साथ सामने आएंगे। ये नियम डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये कर्ज देने के संबंध में आने वाली चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा।'

भारतीय कारोबार-अतीत, वर्तमान और भविष्य विषय पर बोलते हुए दास ने कहा कि इन प्लेटफार्म में कई अनधिकृत और बिना पंजीकरण के चल रहे हैं और ये पूरी तरह से अवैध हैं। इससे पहले दास ने बुधवार को कहा था कि बिना पंजीकरण के डिजिटल प्लेटफार्म देने वाले एप से कर्ज लेने वाले ग्राहकों को अगर किसी भी तरह की दिक्कत होती है तो वे स्थानीय पुलिस से संपर्क करें। उन्होंने साफ किया था कि केंद्रीय बैंक केवल उसके यहां पंजीकृत संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करेगा। गवर्नर ने कहा कि आरबीआइ की वेबसाइट पर उन एप की एक सूची है जो उसके साथ पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में पुलिस ने नियमों के अनुसार गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है।
अल्पकालिक लाभ की संस्कृति से बचें कारोबारी: आरबीआइ
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि कारोबारियों को अल्पकालिक लाभ की संस्कृति से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कारोबार में जोखिम उठाना शामिल है, लेकिन इसे लेने से पहले इसके हानि और लाभ पर विचार अवश्य कर लेना चाहिए। आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के तौर पर वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित आइकनिक वीक को संबोधित करते हुए दास ने कहा, 'हमारे संज्ञान में कुछ अनुचित कारोबारी माडल आए हैं, जिसमें गलत तरीके से फंडिंग लेना और परिसंपत्तियों का गलत तरीके से निर्धारण शामिल है। इस तरह की प्रकृति ना केवल अत्यधिक जोखिम भरी है और यह टिकाऊ तो बिल्कुल भी नहीं है।' यह कार्यक्रम केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा आयोजित किया गया था।
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