जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्ट्रॉबेरी की खेती ठंडे जलवायु में की जाती है. इसका पौधा कुछ ही महीनों में फल देने लायक हो जाता है. भारत में स्ट्रॉबेरी (Strawberry Farming) की खेती कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी हिस्सों में की जाती है. इसे पहाड़ी और ठंडे इलाकों में बोया जाता है. इन राज्यों के अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में भी किसान (Farmer) अब स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. सामान्य तौर पर स्ट्रॉबेरी की बुवाई सितंबर और अक्टूबर में की जाती है. लेकिन ठंडी जगहों पर इसे फरवरी और मार्च में भी बोया जा सकता है. वहीं पॉली हाउस (Playhouse) में या संरक्षित विधि से खेती करने वाले किसान अन्य महीनों में भी बुवाई करते हैं. स्ट्रॉबेरी की बुवाई से पहले की तैयारी बहुत जरूरी है. खेत की मिट्टी पर विशेष काम करना पड़ा है. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, खेती की मिट्टी को बारिक करने के बाद क्यारियां बनाई जाती है. क्यारियों की चौड़ाई डेढ़ मीटर और लंबाई 3 मीटर के आसपास रखी जाती है.