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17 लाख किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उठाया कदम, सरकार ने किया पशुपालकों के लिए बड़ा ऐलान
Deepa Sahu
16 Aug 2021 10:16 AM GMT
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किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने एवं देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने किसानों कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरूआत की थी.
किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने एवं देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने किसानों कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरूआत की थी . योजना के तहत देश के सभी गौ-भैंस वंशीय पशुओं कृत्रिम गर्भाधान किया जाने का लक्ष्य था. सरकार की इस योजना के दो चरण पूरे हो चुके हैं. इसके तीसरे चरण की शुरुआत मध्यप्रदेश में एक अगस्त 2021 से हो चुकी है.
राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश को भारत सरकार द्वारा को देश में सबसे अधिक 63 करोड़ 43 लाख रूपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गयी है. इस राशि में से 26 करोड़ 77 लाख 66 हजार की राशि जारी कर दी गई है. पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि देश के 14 राज्यों के लिये इस योजना के तहत राशि स्वीकृत की गयी है. इसमें से सबसे अधिक राशि मध्यप्रदेश को मिली है क्योंकि मध्य प्रदेश ने राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के द्वितीय चरण में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 50 हजार गौ-भैंस वंशीय मादा पशुओं में लक्ष्य को पूरा करते हुए उससे अधिक17 लाख 55 हजार कृत्रिम गर्भाधान के कारण दी गयी है.
देश में अब तक हुए कृत्रिम गर्भाधान
कार्यक्रम के तहत मध्यप्रदेश में प्रथम चरण में प्रथम चरण 15 सितंबर 2019 से 31 मई 2020 तक और द्वितीय चरण एक अगस्त 2020 से 31 जुलाई 2021 तक क्रियान्वित किया गया. इस दौरान कार्यक्रम के प्रथम चरण में 8 लाख 10 हजार गौवंश का कृत्रिण गर्भाधान किया गया. द्वितीय चरण में 31 जुलाई 2021 तक 17 लाख 55 हजार कृत्रिम गर्भाधान किये गये. मध्यप्रदेश में द्वितीय चरण 1 अगस्त 2020 से 31 जुलाई 2021 तक कृत्रिम गर्भाधान किया गया. इस दौरान प्रदेश के 500 गांवों में 50 हजार गौ-भैंस वंशीय पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य रखा गया था. प्रदेश में . कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम कार्यक्रम का तीसरा चरण 31 मई 2022 तक चलेगा.
मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का तीसरा चरण प्रदेश के सभी जिलों में 1 अगस्त 2021 से प्रारंभ होकर 31 मई 2022 तक चलेगा. इसके साथ ही जिन गावों में किसी कारण से पहले और दूसरे में कृत्रिम गर्भाधान नहीं हो पाया था, उन गांवों को तीसरे चरण में गर्भाधान के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी. मध्य प्रदेश में तीसरे चरण में सभी जिलों में 17 लाख 24 हजार पशुओं में (51.70 लाख) कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. प्रदेश में कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता को प्रति सफल 150 रूपये दिये जाएंगे. दूसरे और तीसर बछड़ा होने पर 100-100 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
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