राज्य सरकार ने किया घोषणा, इन PSU के कर्मचारियों को भी मिलेगी आयकर में छूट
जनता से रिश्ता बेवङेस्क| देश में पुलिस स्टेशनों को अब डिजिटल माध्यम से जोड़ा जा जा रहा है. इससे क्राइम एंड क्रिमिनल्स ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) अपराधियों के आपराधिक रिकॉर्ड को एक जगह स्टोर होगा.इसके अलावा इस व्यवस्था के बाद प्राइवेट कंपनियों को कर्मचारी के खिलाफ किसी भी आपराधिक मामले की जांच करने की भी सुविधा मिल सकेगी.इसके लिए पुलिस प्राइवेट कंपनियों से सुविधा शुल्क ले सकती है.
गोपनीयता पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस व्यवस्था के शुरू होने से पहले कुछ विशेषज्ञों ने डेटा की गोपनीयता के मुद्दों पर सवाल उठाया है. विशेषज्ञों का कहना है कि हुए कहा है कि इससे काम पर रखने में कर्मचारियों के साथ भेदभाव की संभावना हो सकती है. क्राइम एंड क्रिमिनल्स ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) से पहले से जुड़े एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि निजी कंपनियों, सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी विभागों को एफआईआर की तरह सार्वजनिक दस्तावेजों का उपयोग करने देने से कोई कानूनी जटिलताएं नहीं आएगी.
उनका कहना है कि आपराधिक रिकॉर्ड मिलने पर किसी को काम पर नहीं रखने का मामला एक चिंता का विषय है. फिलहाल यह कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करेगा और पारंपरिक पुलिस सत्यापन के साथ भी ऐसा किया जा सकता है.
कंपनियों को डॉक्यूमेंट सत्यापन में मिलेगी मदद
CCTNS की ओर से दी जाने वाली नागरिक सेवाओं को सूचीबद्ध करने वाली गृह मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 'आने वाले समय में कोई भी नागरिक, संस्था और कंपनियां अपने संभावित कर्मचारियों और किरायेदारों का किसी अन्य उद्देश्य के लिए सत्यापन कर सकती हैं.'
गृह मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार CCTNS डेटा के जरिए सरकारी विभाग किसी भी कर्मचारियों की भर्ती के समय उनके आपराधिक रिकॉर्ड उनके चरित्र का सत्यापन भी कर सकते हैं.
बता दें कि गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने हाल ही में कहा था कि देश के कुल 16,098 पुलिस थानों में से 95 फीसदी से अधिक में CCTNS सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है.