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सिर्फ 50000 रुपयों से घर की खाली जगह में शुरू करें ये बिज़नेस

Admindelhi1
23 March 2024 3:00 AM GMT
सिर्फ 50000 रुपयों से घर की खाली जगह में शुरू करें ये बिज़नेस
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सिर्फ 3 महीने में लागत से तीन गुना होगा मुनाफा

बिजनेस न्यूज: अगर आप नौकरी के साथ बिजनेस की तलाश में हैं तो हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। ये एक ऐसा बिजनेस है. जिसमें आप सिर्फ 3 महीने में करोड़पति बन जाएंगे। हम बात कर रहे हैं मेंथा की खेती की. इसकी गिनती हर्बल उत्पादों में होती है। कोरोना महामारी के बाद से दुनिया भर में हर्बल उत्पादों और आयुर्वेदिक दवाओं की मांग बढ़ गई है। यही कारण है कि किसान अब अनाज और सब्जियों की फसलों के साथ-साथ हर्बल फसलों की खेती पर जोर दे रहे हैं। हर्बल यानी औषधीय फसलों की खेती में लागत से 3 गुना ज्यादा आमदनी होती है.

इसके अलावा यह मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है। ऐसी ही अधिक कमाई वाली औषधीय फसलों में से एक है मेंथा की खेती। वैसे तो इसकी खेती भारत के कई हिस्सों में की जाती है. इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पंजाब जैसे कई अन्य राज्य शामिल हैं। इसकी अधिकतम उपज उत्तर प्रदेश के बदांयू, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, बाराबंकी, फैजाबाद, अम्बेडकर नगर तथा लखनऊ के खेतों से प्राप्त हो रही है।

मेंथा क्या है?

मेंथा को देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे पेपरमिंट, पुदीना, कपूरमिंट और सुंधी टापरा के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग दवाएँ, तेल, सौंदर्य उत्पाद, टूथपेस्ट और कैंडी बनाने में किया जाता है। बता दें कि भारत मेंथा ऑयल का बड़ा उत्पादक देश है. यहां से मेंथा ऑयल निकालकर दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाता है. मेंथा की खेती के लिए अच्छी सिंचाई की जरूरत होती है. सही समय पर बोई गई मेंथा की फसल तीन महीने में तैयार हो जाती है. मेथी की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. मेंथा की पत्तियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं.

मेंथा की खेती

खेती मेंथा की बुआई फरवरी से मध्य अप्रैल तक की जाती है और कटाई जून में की जाती है। इसे इसकी पत्तियों से निकाला जाता है. मेंथा की फसल को हल्की नमी की जरूरत है। जिससे हर 8 दिन में सिंचाई की जाती है. जून में मौसम साफ होते ही इसकी कटाई कर लेनी चाहिए. मेंथा से प्रति हेक्टेयर लगभग 125-150 किलोग्राम तेल प्राप्त हो सकता है.

मेंथा से कमाई

मेंथा की खेती एक नकदी फसल है. मेथी की खेती में लागत बहुत कम आती है. इसकी फसल 90 से 110 दिन में तैयार हो जाती है. इससे किसानों को जल्द ही खेती पर खर्च किया गया पैसा भारी मुनाफे के रूप में वापस मिल जाता है. एक एकड़ में मेंथा की फसल लगाने में 20,000 से 25,000 का खर्च आता है. बाजार में मेंथा की कीमत करीब 1000 से 1500 रुपये प्रति किलो है. जिससे कटाई के बाद मेंथा यानी पुदीना की फसल से 1 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है. आप 3 महीने में 3 गुना कमा सकते हैं. इसीलिए किसान इस फसल को हरा सोना कहते हैं।

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