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सरसों से भी ज्यादा दाम पर बिक रहा सोयाबीन, 8800 रुपए क्विंटल तक पहुंची कीमत

Deepa Sahu
23 July 2021 5:21 PM GMT
सरसों से भी ज्यादा दाम पर बिक रहा सोयाबीन, 8800 रुपए क्विंटल तक पहुंची कीमत
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विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को विभिन्न खाद्य तेल की कीमतों में सुधार देखने को मिला.

विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को विभिन्न खाद्य तेल की कीमतों में सुधार देखने को मिला. सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की स्थानीय और निर्यात मांग बढ़ने के साथ साथ त्योहारी मांग के कारण सोयाबीन तिलहन के भाव मजबूत हो गए.

बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में तीन प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकागो एक्सचेंज एक प्रतिशत तेज था. विदेशी बाजारों में तेजी का असर स्थानीय कारोबार पर दिखा जहां विभिन्न खाद्य तेलों के दाम लाभ के साथ बंद हुए. उन्होंने कहा कि पहले सोयाबीन दाना का भाव सरसों से 4-5 रुपए प्रति किलो नीचे रहता था लेकिन पहली बार सोयाबीन का भाव सरसों से 11 रुपए किलो अधिक हो गया है. सोयाबीन दाना से लगभग 18 प्रतिशत तेल की प्राप्ति होती है जबकि सरसों दाना से लगभग 40-42 प्रतिशत तेल की प्राप्ति होती है.
एक दिन में सोयाबीन में इतनी तेजी पहली बार
उन्होंने बताया कि एनसीडीईएक्स इंदौर के वायदा कारोबार में शुक्रवार को सोयाबीन के अगस्त अनुबंध की कीमत 8,129 रुपए से बढ़कर 8,616 रुपए क्विन्टल हो गई है जबकि वायदा कारोबार में इस भाव पर ऊपर का सर्किट (छह प्रतिशत) लगाना पड़ा. सूत्रों ने कहा कि एक दिन में सोयाबीन में इतनी अधिक तेजी पहली बार देखने को मिली है.
उन्होंने कहा कि सोयाबीन में सुधार के कारण सरसों के भाव में भी मजबूती दिखी. महाराष्ट्र के लातूर किर्ती में सरसों का 'प्लांट डिलीवरी' भाव 8,700 रुपए से बढ़कर 8,800 रुपए क्विन्टल हो गया है. छत्तीसगढ़ के राजनंद गांव में भी सोयाबीन का भाव 8,800 रुपए क्विन्टल पर मिल रहा है. सूत्रों ने कहा कि सरकार को सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की पॉल्ट्रीफार्म कंपनियों की बढ़ती मांग को देखते हुए डीओसी के निर्यात को रोक देना चाहिए.
तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि स्थानीय मांग न होने से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली. उन्होंने कहा कि सरकार को अभी से सरसों की अगली बिजाई के लिए बीजों का इंतजाम कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सहकारी संस्था, हाफेड को अभी भी बाजार भाव पर सरसों की खरीद कर इसका स्टॉक बनाना बेहतर कदम हो सकता है. उन्होंने कहा कि देश में लगभग 70 प्रतिशत खाद्य तेलों की जरूरत को आयात के रास्ते पूरा किया जाता है. आयात पर यह निर्भरता घातक है और देश में तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना चाहिए और इसके लिए किसानों को सही प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है.
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे
सरसों तिलहन – 7,715 – 7,765 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए.
मूंगफली दाना – 5,845 – 5,990 रुपए.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,300 रुपए.
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,205 – 2,335 रुपए प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 15,200 रुपए प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 2,485 -2,535 रुपए प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 2,585 – 2,695 रुपए प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,000 – 17,500 रुपए.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,000 रुपए.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,800 रुपए.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,400 रुपए.
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,350 रुपए.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,300 रुपए.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,300 रुपए.
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,250 (बिना जीएसटी के)
सोयाबीन दाना 8,600 – 8,650 रुपए
सोयाबीन लूज 8,445 – 8,545 रुपए
मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपए
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