व्यापार
दक्षिण कोरिया: गूगल और एपल की ऐप बिलिंग प्रणाली पर दूरसंचार व्यापार अधिनियम में किया संशोधन
Deepa Sahu
25 Aug 2021 11:23 AM GMT
x
दक्षिण कोरिया की एक संसदीय समिति ने बुधवार को एक बिल पारित किया है।
सियोल, दक्षिण कोरिया की एक संसदीय समिति ने बुधवार को एक बिल पारित किया है। इसके तहत गूगल और एपल पर ऐप डेवलेपर्स पर उनका मंच इस्तेमाल करने की जबरन फीस वसूलने का दबाव खत्म हो जाएगा। राष्ट्रीय विधायिका और न्यायिक समिति ने दूरसंचार व्यापार अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस बिल के जरिये एप मार्केट आपरेटरों को ऐप डेवलेपर्स से बेजा रकम वसूलने के रास्ते बंद हो जाएंगे।
इसी के साथ दक्षिण कोरिया ऐसा पहला देश बन गया है जो इन ग्लोबल टेक जाइंट कंपनियों को ऐप संबंधित बिलिंग नीतियों में मनमानी करने से रोकेंगे। गूगल और एपल की इन ऐप बिलिंग नीतियों से कमोबेश दुनिया की सभी सरकारें त्रस्त हैं और अपने-अपने देशों में इनकी रोकथाम के उपाय तलाशने में जुटी हुई हैं।
योहाप न्यूज एजेंसी के अनुसार कथित गूगल विरोधी यह कानून संसद में पिछले साल अगस्त में पेश किया गया था। ऐसा तब किया गया जब इससे केवल एक महीने पहले गूगल ने घोषणा की थी कि वह सभी ऐप को अपनी बिलिंग प्रणाली के तहत ही संचालित करेगा और सभी 'इन-ऐप' खरीदों पर तीस प्रतिशत राशि का कमीशन लेगा। इसी साल की शुरुआत में गूगल ने भी फैसला लिया था कि डेवलेपर्स से पहले दस लाख डालर के राजस्व पर वह अपना कमीशन कम करके 15 फीसद कर देगा।
दक्षिण कोरिया में गूगल प्ले स्टोर से पिछले साल पांच खरब वान (4.3 अरब डालर) की बिक्री हुई थी। कोरिया के मोबाइल इंटरनेट बिजनेस के मुताबिक यह कोरिया इस क्षेत्र में कुल आय का दो-तिहाई हिस्सा है। जबकि एपल ऐप स्टोर से 1.6 खरब वान की बिक्री हुई है।
Next Story