देश की ढांचागत परियोजनाओं में दीर्घकालिक पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही दुनिया के 15 सबसे बड़े कोषों के साथ बैठक करेंगे।आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कई वैश्विक कोष हैं जो ढांचागत क्षेत्र की अच्छी परियोजनाओं में निवेश करना चाहते हैं। इसके लिए वह सरकार के संपर्क में हैं।
वित्तपोषण एजेंसियों ने भी जताई रुचि
ये कोष ऊंचे रिटर्न की इच्छा नहीं रखते बल्कि उन्हें अपने निवेश पर दीर्घकाल तक टिका रहने वाला रिटर्न चाहिए। बजाज ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद दुनिया भर के 15 प्रमुख कोषों के साथ बैठक करने वाले हैं। उनके साथ विचार विमर्श होगा और उनके विचार सुने जाएंगे। इसके अलावा बहुपक्षीय और द्विपक्षीय वित्तपोषण एजेंसियों ने भी सरकारी क्षेत्र में रुचि जताई है।
111 लाख करोड़ के निवेश का अनुमान
देश में विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं का विस्तार करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक सरकारी कार्यबल ने पांच साल की अवधि में ऐसी परियोजनाओं में कुल मिलाकर 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया है।
7,000 परियोजनाओं की हुई पहचान
कार्यबल ने वर्ष 2019 से लेकर 2025 तक के लिए अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें 7,000 परियोजनाओं की पहचान की गई है। इस कार्यबल का गठन प्रधानमंत्री के 2019 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र के नाम दिए गए संबोधन के बाद किया गया।